पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की करिज्मा बाइक चुराने और बुजुर्ग महिला से चेन लूटने वाले दोनों शातिर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजॉन के पूर्व कर्मचारी निकले। दोनों ने पहले औद्योगिक क्षेत्र से करिज्मा बाइक चुराई और फिर शिवलोक कॉलोनी में एक बुजुर्ग महिला से पता पूछने के बहाने सोने की चेन लूटकर फरार हो गए थे।
रानीपुर कोतवाली की पुलिस और एसओजी हरिद्वार की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटनाओं का खुलासा कर लिया। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने पुलिस टीम को शाबाशी दी है।एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि एक सप्ताह पहले शिवलोक कॉलोनी में अपने घर के बाहर बैठी बुजुर्ग महिला कुवारा देवी से पता पूछने के बहाने एक युवक गले से चेन झपटकर फरार हो गया था। उसी दिन बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र से दुष्यंत सुखीजा की करिज्मा बाइक चोरी होने की बात सामने आई।
सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर चेन लुटेरे करिज्मा बाइक पर फर्राटा भरते नजर आए। रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी व एसओजी इंस्पेक्टर दिग्पाल कोहली की सयुंक्त टीम ने सर्विलांस और मुखबिर की मदद से अक्षय निवासी मौहल्ला व थाना सागरपुर दिल्ली वेस्ट को क्षेत्र से गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से लूट में इस्तेमाल हीरो होंडा करिज्मा बरामद की। पूछताछ के बाद उसके साथी रोहन निवासी सेलू रोड थाना सेलू जिला वरदा महाराष्ट्र को रेगुलेटर पुल सुमननगर से गिरफ्तार कर वृद्धा से लूटी गई चेन बरामद कर ली गई।
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अमेजॉन में हुई थी दोस्ती…….
एएसपी जितेंद्र मेहरा ने बताया कि अक्षय और रोहन कुछ साल पहले दिल्ली में अमेजॉन कंपनी मे काम करने के दौरान दोस्त बने थे। पिछले दिनों अक्षय ने रोहन को महाराष्ट्र से हरिद्वार बुलाया और दोनों ने करिज्मा बाइक चोरी कर बुजुर्ग महिला की चेन लूटी। अक्षय पर दिल्ली के थाना सागरपुर में वर्ष 2017 से लगातार वाहन चोरी व मोबाईल स्नेचिंग के करीब 14 मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस टीम में एसएसआई मनोहर रावत, गैस प्लांट चौकी प्रभारी विकास रावत, उपनिरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह, पवन डिमरी आदि शामिल रहे।
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पेइंग गेस्ट के लिए दिया फर्जी आधार कार्ड…….
रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि घटना के बाद सीसीटीवी कैमरों का पीछा करते हुए पुलिस बहादराबाद के एक पेइंग गेस्ट पहुंची। जानकारी लेने पर पता चला कि दोनों आरोपी पेइंग गेस्ट के तौर पर रुके थे, लेकिन रजिस्टर में दर्ज कराए गए उनके आधार कार्ड फर्जी निकले। तब पुलिस ने दूसरे एंगल से धरपकड़ के प्रयास किए। तब तकनीकी टीम और मुखबिर तंत्र की मदद से कामयाबी हासिल हुई।
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नशे की लत ने बनाया अपराधी…….
एसएसआई मनोहर रावत ने बताया कि बताया कि अक्षय के बचपन में ही उसकी मां का देहांत हो गया था। 10 साल पहले पिता की मृत्यु होने के बाद वह अपनी बड़ी बहन के पास रह रहा था। 12 वीं तक पढ़ाई के बाद स्मैक आदि नशे की आदत लगने, अच्छे रहन सहन की चाह के चलते अक्षय छोटी उम्र से ही अपराध में संलिप्त हो गया। मास्टर चाबी से वाहन चोरी, चेन स्नेचिंग, मोबाइल झपट्टमारी जैसे अपराध करने लगा था।