पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: उत्तराखंड की औषधियां गुना से भरपूर फसलों से बनने वाले भजन व्यंजन के प्रचार प्रसार के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर मनाई जा रहे गढ़भोज दिवस पर एसएमजेएन पीजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाकर पेश किया। अतिथियों ने चटखारे लेकर व्यंजनों का आनंद लिया। 39 स्टालों में परोसे गए मंडुए की रोटी, भांग व तिल की चटनी, झिंगोरे की खीर और गहत की दाल आदि व्यंजन इतने स्वादिष्ट थे कि हर कोई उंगलियां चाटता रह गया। अतिथियों ने छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कालेज प्रबंधन की सराहना की। काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्री महन्त राम रतन गिरी जी महाराज, हरित ऋषि विजयपाल बघेल, उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डाॅ. एस.के. शर्मा, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो. बी.डी. जोशी, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा व छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने गढ़वाली व्यंजनों का आनन्द लिया और छात्र-छात्रा प्रतिभागियों का उत्सावर्धन किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् प्रो. बी.डी. जोशी ने कहा कि एस.एम.जे.एन. काॅलेज ऐसा पहला महाविद्यालय है, जिसने छात्र-छात्राओं को गढ़भोज बनाने के लिए प्रेरित किया। पूर्व शिक्षा निदेशक डाॅ. एस.के. शर्मा ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को पारम्परिक अनाज एवं मिलेट्स के विषय में जानकारी मिलती है, जो स्वास्थय के लिए लाभदायक होती है।हरित ऋषि विजय पाल बघेल ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि गढ़वाली भोजन द्वारा छात्र-छात्राओं ने पारम्परिक भोजन का साक्षत्कार कराया। प्रतिभागियों ने गढ़भोज प्रतियोगिता 39 स्टाॅलों में मंडुवे की रोटी, भांग व तिल की चटनी, झिंगौरे की खीर, कुँमाउनी थाली, बाल मिठाई, गहत की दाल, सिंगोडी आदि बनाकर प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में कु. अंशिका, मानसी, प्रिया, पिंकी वर्मा, मुस्कान, शालू, शीतल, काजल, ईस्मिता, पूजा गौर, आंकाक्षी, विशाखा, शशि बिष्ट, गौरव बंसल, अंकिता जोशी, मनीष, रोहित शाह, वर्णिका, नेहा नेगी, कशिश, निकिता, डोली, विशाखा, खुशी, दिव्यांश नेगी, शालिनी आदि छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में में निर्णायक मण्डल की अहम भूमिका का निवर्हन डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. विनीता चौहान, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा एवं डाॅ. रश्मि डोभाल किया किया गया।