हरिद्वार

अधिकारियों को गुलदस्ता दो या पटका पहनाओ, शहर की समस्याएं भी तो बताओ: पाहवा

नए डीएम का स्वागत करने वालों की लंबी लाइन, हिंदूवादी नेता चरणजीत पाहवा ने गुलदस्ता गैंग पर उठाए तीखे सवाल..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी के सक्रिय सामाजिक व हिंदूवादी कार्यकर्ता चरणजीत पाहवा ने “गुलदस्ता गैंग” और “पटका गैंग” कहकर उन लोगों को कटघरे में खड़ा किया है, जो हर बार किसी नए अधिकारी या मुख्यमंत्री के आगमन पर स्वागत-सत्कार में तो बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, लेकिन जमीनी समस्याओं को लेकर आज तक कोई ठोस आवाज नहीं उठाते।
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गुलदस्ते लेकर घंटों धूप में खड़े रहते हैं… लेकिन समस्याएं नहीं उठाते…..चरणजीत पाहवा का कहना है कि चाहे कोई जिला अधिकारी हो या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, इन स्वागतकर्ताओं की टोली हर बार फूलों का गुलदस्ता लेकर गर्मी में घंटों खड़े रहती है, पर कभी किसी ने यह नहीं पूछा कि बरसात में हरिद्वार डूब क्यों जाता है? दुकानदारों की दुकानों में पानी क्यों घुसता है? हाईवे पर घंटों लंबा जाम क्यों लगता है? और हर गली में नशे का कारोबार क्यों फल-फूल रहा है?
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“मां गंगा का अपमान हो रहा, कोई नहीं बोला”……पाहवा का आरोप है कि नमामि गंगे परियोजना के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन गंगा की वास्तविक सफाई और अवैध कटान पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार में गौमाताएं सड़क पर भूखी-प्यासी भटक रही हैं, लेकिन इनके लिए व्यवस्था की कोई योजना दिखाई नहीं देती।
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“फेसबुक फोटो तक सिमटी है ज़िम्मेदारी”…….उन्होंने कहा, “इन समूहों की ज़िम्मेदारी केवल गुलदस्ता पकड़कर तस्वीर खिंचवाने और फेसबुक पर पोस्ट करने तक सीमित रह गई है। क्या किसी ने कभी यह पूछा कि शहर के गरीबों को सड़क से क्यों हटाया गया? जब बसाया था, तब सोचा क्यों नहीं गया कि यह अतिक्रमण कहलाएगा?”
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“श्रीराम चौक के पीछे बार और चिकन सेंटर, धर्म का अपमान”….पाहवा ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के नाम पर बने चौक के ठीक पीछे बार और मांस की दुकानों का संचालन हो रहा है। यह न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि प्रशासन की आंखों पर पड़ी पट्टी का प्रमाण भी है।
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“विकास ठप है, ज्वालापुर आज भी वहीं खड़ा है”…उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के इतने वर्षों बाद भी ज्वालापुर क्षेत्र में न नालियां बदलीं, न सड़कें। बंजारों में आज भी पानी घुसता है, दुकानदारों का लाखों का नुकसान होता है और प्रेमनगर आश्रम के पास मंत्री के कब्जे के कारण नाला बन नहीं पा रहा। यदि वह अतिक्रमण हट जाए तो शहर की सबसे बड़ी जलनिकासी की समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन ‘सत्ता के मंत्री’ के खिलाफ बोले कौन?
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“गरीबों पर मत चलाओ बुलडोज़र, समाधान दो”……पाहवा ने साफ कहा कि वह किसी अवैध काम का समर्थन नहीं कर रहे, लेकिन यह भी समझा जाना चाहिए कि सड़कों पर दुकान लगाने वाले गरीब लोग भी परिवार पालते हैं। अगर उन्हें उजाड़ा जाएगा, तो वे किस ओर जाएंगे? क्या यही लोग अपराध की ओर नहीं बढ़ेंगे?
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जनता के नाम सीधा संदेश…..पाहवा ने हरिद्वार के सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और नेताओं से अपील की है कि अब सिर्फ फोटो खिंचवाने से काम नहीं चलेगा। ज्वालापुर और हरिद्वार की जमीनी समस्याओं पर बात कीजिए। स्वागत-सत्कार जरूरी है, लेकिन उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है जनता के मुद्दों को ज़मीन से उठाकर अफसरों के सामने रखना।

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