हरिद्वार

निजी गेस्ट हाउस का रास्ता बनाने को सरकारी भूमि पर कब्जा, अफसरों-जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध..


पंच👊नामा
पिरान कलियर: मान्य उच्चन्यायालय के आदेश पर जिला प्रशासन सरकारी भूमि को चिन्हित करने और उसपर हुए कब्जे को मुक्त कराने की कवायद में जुटा है, करीब दो माह पूर्व हरिद्वार जिलाधिकारी ने निकायों व समस्त विभागीय अधिकारियों को सरकारी भूमि को चिन्हित कर सूची तलब करने के निर्देश दिए गए थे, अधिकारी के आदेश पर विभागीय अधिकारी और निकायों ने भूमि चिन्हित कर सूची बनाने का काम शुरू किया, लेकिन जनपद की एक निकाय में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का मामला उजागर हुआ तो क्षेत्रीय अधिकारियों जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल उठने शुरू हो गए। सूचना अधिकारियों के कानों तक पहुँची तो अधीनस्थ कर्मचारी बुलडोजर लेकर कब्जा मुक्त कराने चले, लेकिन बिडम्बना देखिये जमीन को और समतल कर दिया गया। अब जिसको उस जमीन का फायदा पहुँचना था उसे और आसानी हो गई।
जानकारी के अनुसार पिरान कलियर में अब्दाल साहब मार्ग स्थित सीलिंग की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया, जमीन को रास्ते मे तरमीम करने की कवायद शुरू हुई तो क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सूत्र बताते है कि एक गेस्ट हाउस को रास्ता मुहैया कराने की नीयत से सीलिंग की जमीन का इस्तेमाल किया गया, धीरे-धीरे जमीन को रास्ते का रुख दिया गया तो स्थानीय लोगों में चर्चाएं शुरू हो गई। खबर उच्चाधिकारियों तक पहुँची और अधिकारियों के आदेश पर अधीनस्थ कर्मचारी कब्जा मुक्त के लिए बुलडोजर लेकर मौके पर पहुँचे और सरकारी भूमि पर बनाए गए रास्ते पर बुलडोजर चला दिया। लेकिन वर्तमान की स्तिथि को देखा जाए तो बुलडोजर चलने से रास्ता और समतल हुआ है। बताया जा रहा है कि जो गेस्ट हाउस उस रास्ते का इस्तेमाल करना चाहता है उसका रास्ता कागजों में पक्षिम की ओर है। बहरहाल मामला अधिकारियों के संज्ञान में है। अब देखने वाली बात ये है कि सरकारी भूमि को चिन्हित करना और कब्जा मुक्त कराने की कवायद ऐसी स्थिति में कितनी कारगर साबित होगी ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। क्षेत्रीय पटवारी अनुज कुमार यादव ने बताया कि नगरपंचायत अधिकारी को अवगत करा दिया गया है यदि नगरपंचायत की ओर से कोई कार्यवाही नही की जाती तो कांवड़ मेले के तुरंत बाद उच्चाधिकारियों के दिए गए निर्देशो के अनुपालन में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में नगरपंचायत ईओ रमेश सिंह रावत का कहना है कि मामला संज्ञान में है, जमीन की हद पर दीवार कराई जाएगी ताकि कोई प्राइवेट व्यक्ति उसका निजी इस्तेमाल ना कर सके। कांवड़ मेला संपन्न होने के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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