पंच👊नामा-ब्यूरो
महाराष्ट्रा: रूहानियत का बड़ा मरकज़ दरगाह हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के नवनियुक्त सज्जादानशीन शाह अली एज़ाज़ साबरी का खानकाह-ए- बज़्मे तसल्लिया में पहुँचने पर फूल मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया गया, इस दौरान खानकाह-ए- बज़्मे तसल्लिया के गद्दीनशीन हजरत सुफियान बाबा ने सज्जादानशीन की दस्तारबंदी की और मसनद पर बैठाकर अक़ीदत का इजहार किया।
सज्जादानशीन बन्ने के बाद पहली बार महाराष्ट्रा के भिवंडी निजामपुरा स्थित ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया पहुँचे शाह अली एज़ाज़ साबरी का हजरत सुफियान बाबा साबरी ने बड़े जोश व जज़्बे के साथ खैरमकदम किया। दरअसल दरगाह साबिर पाक के 17 वें सज्जादानशी हज़रात शाह मंसूर ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी का बीती मई माह में देहांत हो गया था। उनके देहांत के बाद दरगाह साबिर पाक के 18 वे सज्जादानशीन के रूप में शाह अली मंज़र ऐजाज़ साबरी को नियुक्त किया गया था।
साबिर पाक का 753 वां सालाना उर्स सम्पन्न होने के बाद नवनियुक्त सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी सिलसिले की ख़ानक़ाहों के दौरे पर हैं। इस दौरान वह महाराष्ट्र के भिवंडी शहर में ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में पहली बार साज्जादानशीं के रूप में पहुँचे जहां ख़ानक़ाह के गद्दीनशीन सुफियान बाबा ने उनका फूल मालाओं के साथ खैरमकदम किया। सुफियान बाबा ने सज्जादानशीन की दस्तारबंदी की इसके बाद सुफियान बाबा के अनुयाइयों ने भी सज्जादानशीन के गले मे फूल मालाएं डालकर उनका खैरमकदम किया।
इसके बाद ख़ानक़ाह बज़्मे तसल्लिया में महफ़िल-ए-समा का आयोजन किया गया। दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी मसनद नशीन रहे बरैली से आये क़व्वाल जिशान फैज़ान ने महफ़िल-ए-समा में फ़ारसी कलाम पेश कर समा बांध दिया, महफ़िल-ए-समा सम्पन्न होने के बाद ख़ानक़ाह बज़्मे तस्सललिया के गद्दीनशीन सुफियान बाबा ने देश के अमनो अमान के लिए दुआएँ मांगी बाद में लंगर-ए-साबिर पाक आम किया गया।