एसपी तृप्ति भट्ट की अगुवाई में जीआरपी ने निभाई अहम भूमिका, कांवड़ मेला 2025 शांतिपूर्वक सम्पन्न..
20 लाख से अधिक कांवड़ यात्रियों को सकुशल पहुंचाया उनके गंतव्यों तक, नहीं हुई कोई बड़ी अनहोनी..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: श्रावण मास की महाशिवरात्रि के साथ ही कांवड़ मेला 2025 शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया। जीआरपी ने इस बार न केवल लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि रेलवे क्षेत्र में अनुशासन और सेवा की मिसाल भी पेश की। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में इस बार का मेला पूरे संयोजन और समर्पण के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।11 जुलाई से 23 जुलाई तक चले इस मेले के दौरान करीब 20 लाख कांवड़ियों का रेलवे स्टेशनों से सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया गया, जिसमें जीआरपी ने रेलवे विभाग, आरपीएफ, आईआरबी,
बीडीएस, एटीएस जैसे कई विभागों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया। पूरी टीम 24×7 अलर्ट मोड पर रही और किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती गई।
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मोबाइल, बैग और परिजनों से बिछड़े यात्रियों की मदद बनी मिसाल….कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के खोए हुए करीब 36 मोबाइल फोन (मूल्य ₹5 लाख से अधिक) जीआरपी टीम ने ढूंढकर उनके मालिकों तक पहुंचाए। इसके साथ ही 70 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाकर मुस्कुराहट लौटाई।
यात्रियों के 270 से अधिक बैग, पर्स और कपड़े आदि भारी भीड़ के बीच खोजकर सुपुर्द किए गए, जिसे लेकर यात्रियों ने पुलिस टीम का दिल से आभार जताया।
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रेलवे ट्रैक पर चल रहे यात्रियों को बचाया, बुजुर्गों और बीमारों की मदद….कांवड़ियों की भीड़ के कारण कई श्रद्धालु रेलवे ट्रैक पर चलने लगे थे, जिससे बड़े हादसों की आशंका बनी हुई थी। जीआरपी ने समय रहते हस्तक्षेप करते हुए हजारों पैदल यात्रियों को सुरक्षित वैकल्पिक मार्गों से रवाना किया, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
वहीं 100 से अधिक बुजुर्ग और असहाय यात्रियों को ट्रेन, प्लेटफॉर्म और कोच तक पहुंचाने में सहायता की गई। बीमार श्रद्धालुओं को मौके पर 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया।
यह मानवीय संवेदनशीलता जीआरपी की कार्यशैली की पहचान बन गई।
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सुरक्षा के मोर्चे पर रही सतर्कता, 40 से अधिक संदिग्ध गिरफ्तार….भीड़ के बीच किसी भी प्रकार की शांति भंग न हो, इसके लिए जीआरपी ने सतर्कता बरतते हुए 40 से अधिक असामाजिक और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को रेलवे स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया।
वहीं, कई जगहों पर कांवड़ियों के वाहनों से क्षतिग्रस्त हुए रेलवे फाटकों की मरम्मत तत्काल कराई गई, ताकि रेल यातायात प्रभावित न हो।
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24 घंटे सूचना प्रसारण और लोस्ट एंड फाउंड केंद्रों का संचालन…..हर रेलवे स्टेशन पर 24×7…. पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लगातार सूचना प्रसारण किया गया। इसके साथ ही जीआरपी ने यात्रियों की सुविधा के लिए “खोया-पाया” केंद्र सक्रिय रखे, जहां सैकड़ों यात्रियों को राहत मिली।
————————————–“बिना किसी दुर्घटना के 20 लाख से अधिक यात्रियों का रेलवे क्षेत्र से सकुशल गंतव्य तक पहुंचना बड़ी उपलब्धि है। यह जीआरपी टीम की सजगता, समर्पण और सतर्कता का परिणाम है। पूरी टीम बधाई की पात्र है।” – एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट
————————————–इस वर्ष जीआरपी क्षेत्र को दो सुपर जोन, तीन जोन और छह सेक्टरों में बांटा गया था, जिससे निगरानी और संचालन बेहतर तरीके से किया जा सका।
श्रवण माह में आए इस भव्य आयोजन को शांतिपूर्वक संपन्न कराकर हरिद्वार जीआरपी ने एक नई मिसाल पेश की है, जो आने वाले वर्षों के लिए दिशा तय करती है।