हरिद्वार

हज हाउस चल रहा है सज्जादा परिवार की दान हुई जमीन पर: असद साबरी…

अंतिम अदालत का फैसला सज्जादा परिवार के पक्ष में, कुछ लोग अपने निजी मफाद की लड़ रहे लड़ाई...

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पंच👊नामा- पिरान कलियर: करोड़ो की बेशकीमती जमीन का विवाद अब किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नही है, अंतिम अदालत का फैसला सज्जादा परिवार के पक्ष में है जिसके चलते जिला प्रशासन जमीन की हदबंदी और कब्जा दिलाने की कार्रवाई कर रहा है। ये कहना है सज्जादा परिवार के सदस्य असद साबरी का। आज सज्जादानशीन आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर असद साबरी ने कहा कि जमीन का विवाद सज्जादा परिवार और उत्तराखंड वक्फबोर्ड के बीच चल रहा था जो अब समाप्त हो चुका है। निचली अदालत से लेकर मान्य सर्वोच्च न्यायालय तक का फैसला सज्जादा परिवार के पक्ष में है। लेकिन कुछ लोग अपने निजी मफाद के लिए प्रशासन पर जबरन दबाव बना रहे है।

पिरान कलियर स्थित सज्जादानशीन के आवास पर परिवार के सदस्य असद साबरी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि जमीन पर अब कोई विवाद विचाराधीन नही है। कुछ लोग अपने निजी मफाद के लिए प्रशासन और लोगो को गुमराग कर रहे है। असद ने कहा उनको पूर्वजों ने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा हज हाउस के लिए दान किया था जिसका रिकॉर्ड उनपर मौजूद है। ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व तहसील प्रशासन की टीम उक्त जमीन की पैमाइश के लिए पिरान कलियर आई थी, तभी हज कमेटी चैयरमैन व कुछ लोगो ने पैमाइश का विरोध करते हुए जमीन पर डीडीसी कोर्ट में मामला विचाराधीन बताया था, तब जमीन बचाओ समिति के कुछ सदस्यों ने हज हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर सज्जादा परिवार पर आरोप लगाए थे, मीडिया पर प्रकाशित खबरों के बाद सज्जादा परिवार ने भी अपना पक्ष रखा है और जमीन पर कोई विवाद विचाराधीन ना होने की बात कही है। साथ ही कहा है कि जमीन का विवाद सज्जादा परिवार और उत्तराखंड वक्फबोर्ड के बीच था, लेकिन कुछ लोग अपने निजी मफाद के लिए प्रशासन पर जबरन दबाव बना रहे है। जब उनसे पूछा गया कि उक्त जमीन पर डीडीसी कोर्ट में मामला विचाराधीन है या नही तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नही है, उनके पास मौजूद अपर जिलाधिकारी हरिद्वार के आदेश में स्प्ष्ट लिखा गया है कि किसी न्यायालय/मान्य अभिकरण में कोई अस्थग आदेश ना हो तो अपने आदेश संख्या 526/पी.ए. दिनांक 13/07/2021 को संसोधित करते हुए गाटा सँ. 79 व 90 नम्बरों को शामिल करते हुए प्रत्यावेदक को हदबंदी एवं दखल देने की कार्रवाई करे। बहरहाल जमीन के विवाद को लेकर क्या कार्रवाई प्रशासन करता है और किन आदेश का अनुपालन किया जाता है ये तो प्रशासन ही जाने लेकिन जमीनी विवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है।

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