पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद पहली बार हरिद्वार पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने चुनाव खड़ा करने के लिए सबसे पहले रूठे को मनाने की कवायद शुरू की। इसकी शुरुआत भी उन्होंने सबसे पहले अपने पुराने शिष्य और कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी के घर से की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अचानक ही मीना एंक्लेव स्थित राजीव चौधरी के घर जा पहुंचे और उन्हें सारे गिले-शिकवे भूलकर चुनाव संभालने के लिए कहा। काफी देर रूठा मनाई के बाद सरकार बनने पर पर्याप्त सम्मान मिलने के आश्वासन पर राजीव चौधरी चुनाव में सक्रिय भागीदारी के लिए राजी हो गए।
हरिद्वार ग्रामीण सीट पर राजीव चौधरी टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। इसके लिए वह लंबे समय से हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में घूम घूम कर सियासी जमीन तैयार कर रहे थे पूर्व में यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष होने के चलते राजीव चौधरी के युवाओं में मजबूत पकड़ है और इसका फायदा उन्हें चुनाव में मिलना लाजमी था। लेकिन पार्टी ने अनुपमा रावत को टिकट दे दिया। जिससे राजीव नाराज हो गए थे और उनके समर्थकों में मायूसी छा गई थी। यही वजह है कि अभी तक अनुपमा रावत के चुनाव में युवाओं का जोश नजर नहीं आ रहा था। इस पूरे मामले से वाकिफ हरीश रावत हरिद्वार पहुंचने पर सबसे पहले मेला एंक्लेव स्थित राजीव चौधरी के घर पहुंचे और मान मनोव्वल करते हुए उन्हें चुनाव न मानने के लिए कहा। इस दौरान राजीव चौधरी ने उनसे जुड़े समर्थकों के मान सम्मान का हवाला भी दिया।
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना था कि किसी के भी मान सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पूर्व दर्जा धारी मकबूल कुरैशी और पूर्व सीएम के ओएसडी रहे पुरुषोत्तम शर्मा ने भी राजीव चौधरी को मनाने का प्रयास किया। इसका नतीजा यह निकला कि आखिरकार हरदा की कवायद रंग लाई और राजीव चौधरी मान गए। हरिद्वार ग्रामीण के साथ-साथ हरिद्वार के चुनाव में भी आज से रंगत आने की पूरी उम्मीद है। खास तौर पर पथरी और लालढांग क्षेत्र के युवा जो अभी तक घर बैठ चुके थे, आज से चुनाव में रंग जमाते नजर आएंगे।