हरिद्वार

चैंपियन-उमेश विवाद में हरदा का तड़का, एक को बड़बोला तो दूसरे को बताया राजनीति की ‘विषकन्या’..

फेसबुक पर छलकी 2016 की टीस, भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर उठाए सवाल, खंडूरी, निशंक व टीएसआर का भी ज़िक्र..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: पूर्व विधायक कुमार प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर के विधायक उमेश कुमार के बीच सीधे विवाद में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर एंट्री मारी है। सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (हरदा) ने दोनों पर तीखा तंज कसते हुए एक को “बड़बोला तथाकथित बाहुबली” बताया, जबकि दूसरे को “राजनीति की विषकन्या” करार दिया। 2016 में सरकार की उठापठक से जुड़ी टीस साझा करते हुए भाजपा की अंदरूनी राजनीति पर भी सवाल उठाए हैं।अपनी फेसबुक पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा है कि “रुड़की में दो अति चर्चित कलाकारों के मध्य मां-बहन की गालियों का आदान-प्रदान हुआ, बंदूकें लहराई गई, कानून व्यवस्था का खुला मजाक देश और दुनिया ने देखा। दोनों भाजपा के तारणहार हैं। एक ने 2016 में दल-बदल कर सरकार गिराने का षड्यंत्र किया और दूसरे ने षडयंत्र पूर्वक #स्टिंग कर राज्य में राष्ट्रपति शासन थोपने में भाजपानित केंद्र सरकार की मदद की। एक व्यक्ति बड़बोला तथाकथित बाहुबली है तो दूसरा आधुनिक राजनीति की विषकन्या है। इस #विषकन्या का उपयोग भाजपा के एक धड़े ने पहले श्री खंडूरी जी की सरकार, फिर श्री निशंक जी की सरकार बदलने के प्रयासों में किया, तथ्य से सब परिचित हैं। जब #कांग्रेस सत्ता में आई तो कांग्रेस के एक धड़े को भी इस विषकन्या की सेवाएं उपलब्ध रही, फिर श्री त्रिवेंद्र सिंह सरकार को गिराने के लिए भी विषकन्या बहुत चर्चित उपयोग हुआ। हां इस बार यह मालूम नहीं है कि #भाजपा के किस धड़े ने इस विषकन्या की सेवाएं ली थी! ऐसा लगता है कि आज की सत्ता के लिए भी इस विषकन्या की कुछ भूमिका और उपयोगिता बनी हुई है अन्यथा एक ही प्रकार के अपराध में एक को खड़े-खड़े जमानत और दूसरे को लंबी जेल यात्रा ? शार्प शूटर जिस प्रकार सरेआम पुलिस के वरिष्ठतम अधिकारियों को हड़का रहा है। उससे भी यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्ता में कोई न कोई व्यक्ति उसको संरक्षण दे रहा है। हमने हमेशा कृषक समाज वर्ग को अपना गौरव माना। इसलिये महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा विजय सिंह जी का नाम लेकर सात लोगों को मंत्री पद जिनमें से तीन को कैबिनेट स्तर दिया और आज भाजपा ने उनके घोषित राजा को लंबी जेल यात्रा देकर आईना दिखाया है। समय के मोड़ हैं, सत्ता के आंतरिक खेल पर गहरी नजर रखनी पड़ेगी। शार्प शूटर के चहेतों को खनन पट्टे और उसके विरोध करने वाले को जेल, यही तो है सत्ता का खेल! मगर इतना याद रखना चाहिए कि विषकन्या का स्वभाव डसना होता है, वह कभी-कभी दूध पिलाने वाले को भी डस देती है। समय की प्रतीक्षा करिए।

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