अपराधहरिद्वार

दीपावली पर हरिद्वार पुलिस का “ट्रिपल एक्शन धमाका” हत्या की तीन घटनाओं का पर्दाफाश, नाबालिग समेत तीन गिरफ्तार..

लेनदेन के झगड़े में गई व्यापारी की जान, बहन के साथ ज़्यादती पर जीजा का कातिल बना साला, गौकशी की बदनामी ने नाबालिग को बनाया हत्यारा

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पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार/रुड़की: दीपावली पर जिले की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने में जुटी पुलिस ने एक साथ हत्या की तीन-तीन घटनाओं का पर्दाफाश किया है। हरिद्वार में जहां प्रसाद व्यापारी की हत्या के पीछे लेनदेन का झगड़ा निकाल कर सामने आया। वहीं, श्यामपुर क्षेत्र में बहन के साथ ज़्यादती होने पर साला अपने जीजा का कातिल बन गया।

फाइल फोटो: हत्या

जबकि पिरान कलियर क्षेत्र में नाबालिग की हत्या करने वाला एक नाबालिग ही निकला। गौकशी के मामले में सहयोग करने की बदनामी ने उसे हत्यारा बना दिया। पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर अलग-अलग पुलिस टीमों ने त्योहारी जिम्मेदारियां के बावजूद कड़ी मेहनत करते हुए तीनों घटनाओं का पर्दाफाश कर लिया।

फाइल फोटो: प्रमेन्द्र डोबाल (पुलिस कप्तान हरिद्वार)

एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल सहित एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी क्राइम पंकज गैरोला ने पुलिस टीमों को शाबाशी दी है
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केस नम्बर एक:-

फाइल फोटो: हत्या

हरिद्वार पुलिस ने 24 घंटे के भीतर प्रसाद व्यापारी महेश उर्फ कल्लू की हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या की घटना का पर्दाफाश कर दिया। 30 अक्टूबर की सुबह ऋषिकुल पुल शौचालय के पास एक व्यक्ति अचेत अवस्था में मिला। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पाया कि व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। पहचान करने पर मृतक का नाम महेश उर्फ कल्लू (35 वर्ष) निवासी टंकी नंबर 06 ऋषिकुल बताया गया।

फाइल फोटो: शव

इसके बाद मृतक की पत्नी राजकुमारी ने कोतवाली नगर में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के अनावरण और हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक कुंदन सिंह राणा को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीसीटीवी कैमरे व मुखबिर तंत्र की मदद से आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार आरोपी गंजु और महेश के बीच कुछ महीनों पहले पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। महेश के परिजनों ने गंजु के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिस पर गंजु महेश से मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहा था।

फाइल फोटो: हत्या

महेश और उसके परिजन लगातार गंजु की दुकान के पास जाकर उसे ताने मारते थे, जिससे नाराज होकर गंजु ने महेश की हत्या करने का मन बना लिया। घटना के दिन, गंजु ने महेश के सिर पर इंटरलॉकिंग टाइल्स से कई बार वार किया और उसकी जान ले ली। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया।

फाइल फोटो: इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा

इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा ने बताया आरोपी गंजु उर्फ राजु का पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। उसके खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों के कई मामले दर्ज हैं, जिनमें जनपद देहरादून में हत्या के कई केस शामिल हैं। पुलिस टीम में एसएसआई वीरेन्द्र रमोला, उपनिरीक्षक सतेन्द्र भण्डारी, कांस्टेबल सतीश नौटियाल व कांस्टेबल निर्मल सिंह ने अहम भूमिका निभाई।
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केस नम्बर दो:-पिरान कलियर में 24 अक्टूबर को उवेश नाम का 13 वर्षीय बालक बकरी चराने के लिए घर से निकला, लेकिन रात तक वापस नहीं लौटा। अगले दिन थाने में उसके लापता होने की शिकायत दर्ज हुई। 26 अक्टूबर को गन्ने के खेत में उवेश का शव मिला।

फोटो: स्वप्न किशोर सिंह (एसपी देहात)

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस गंभीर अपराध की जांच के लिए एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह और सीओ रुड़की नरेन्द्र पंत की देखरेख में थानाध्यक्ष दिलबर सिंह नेगी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की, जिसने इस मामले को सुलझाने के लिए कई साक्ष्य जुटाए। पुलिस टीम ने डॉग स्क्वायड और मैनुअल पुलिसिंग का सहारा लेते हुए कई संदिग्धों से पूछताछ की। तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने एक नाबालिग को संदिग्ध मानकर हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने कुबूल किया कि उसने उवेश की हत्या की है। आरोपी ने बताया कि वह गौकशी में संलिप्त था और उवेश ने उसे यह कार्य करते हुए देख लिया था।

फाइल फोटो

उवेश ने घर और आस-पास के लोगों को इस बारे में जानकारी दी, जिससे आरोपी को बदनामी का डर सताने लगा। घटना के दिन, आरोपी चारा काटकर खेत से बाहर आ रहा था, तभी उसे उवेश मिला। उसने उवेश से कहा कि गन्ने के खेत में एक बकरी है, जिसे चरवाहों ने ढूंढा नहीं है। उवेश उसके बहकावे में आकर उसके साथ खेत में चला गया। खेत के अंदर पहुँचने के बाद, आरोपी ने अपने पायजामे के नाड़े से पीछे से उवेश का गला घोंट दिया। जब उवेश बेहोश होकर गिर गया, तो उसने उसके लोअर का नाड़ा भी निकालकर उसे कसकर गला दबाया। इसके बाद उसने पास ही रखी ईंट से उवेश का चेहरा कुचल दिया और शव को गन्ने के खेत में छोड़कर मौके से फरार हो गया। आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

फाइल फोटो: दिलबर सिंह नेगी (थानाध्यक्ष पिरान कलियर)

इस मामले को सुलझाने के कलियर के एसओ दिलवर सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अथक प्रयास किए। टीम में धनौरी चौकी प्रभारी हेमदत्त भारद्वाज, इमली खेड़ा चौकी प्रभारी उमेश कुमार, एसआई वीरेंद्र नेगी, एसआई एकता ममगाईं, हेडकांस्टेबल अलियास, सोनू कुमार, नूर अहमद, कांस्टेबल अजय काला व मनमोहन शामिल रहे।
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केस नम्बर तीन:- 3श्यामपुर थाना क्षेत्र में एक जघन्य हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें लड्डू उर्फ लक्की ने अपने जीजा दुर्गेश की डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। आरोपी साले ने अपनी बहन के साथ हो रही जातिगत हिंसा से नाराज होकर यह कदम उठाया था। एसएसपी हरिद्वार के नेतृत्व में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस मामले का सफलतापूर्वक खुलासा किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।दरअसल 29 अक्टूबर की रात लगभग 9 बजे, खत्ता बस्ती चंडीघाट में लड्डू उर्फ लक्की का अपने जीजा दुर्गेश के साथ तीखा विवाद हुआ। इस बहस के दौरान गुस्से में लड्डू ने दुर्गेश पर डंडे से हमला कर दिया, जिससे दुर्गेश गंभीर रूप से घायल हो गए। श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा समेत पुलिस कर्मियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दुर्गेश को अस्पताल भिजवाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

फाइल फोटो: मुकदमा दर्ज

दुर्गेश के पिता राम अवतार की तहरीर पर आरोपी लड्डू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश जारी किए। जिसपर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया टीम ने आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश देना शुरू किया और 24 घंटे के भीतर लड्डू उर्फ लक्की को गौरी शंकर पार्किंग के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडा और खून से सनी हुई कमीज बरामद की गई। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि वह अपनी बहन के साथ दुर्गेश की जातिगत हिंसा और उत्पीड़न से काफी आहत था। पहले से ही रिश्ते को लेकर नाखुश लड्डू ने इस रंजिश के चलते अपने जीजा की हत्या करने का निर्णय लिया।

फाइल फोटो: नितेश शर्मा (थानाध्यक्ष श्यामपुर)

इस गंभीर मामले का खुलासा करने में श्यामपुर थानाध्यक्ष नितेश शर्मा, चंडीघाट चौकी प्रभारी विक्रम सिंह बिष्ट, उपनिरीक्षक मनोज रावत, और कांस्टेबल मनोज रावत का अहम योगदान रहा।
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