
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मार्ग में कितने भी बाधाएं क्यों ना हो, प्रतिभाएं अपना रास्ता खुद बना लेती हैं। यह पंक्तियां हरिद्वार निवासी डॉक्टर वर्षा सिंह पर सटीक बैठती हैं। दरअसल, डॉक्टर वर्षा सिंह को उत्तराखंड में इस साल “टीचर ऑफ द ईयर” के अवॉर्ड से नवाजा गया है। देहरादून में दिव्य हिमगिरि संस्थान एवं यूकोस्ट की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के हाथ को उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। डॉ. वर्षा सिंह वर्तमान में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज नागनाथ पोखरी चमोली में अंग्रेजी विभागाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी विषय में पारंगत करने के लिए यह सम्मान मिला है। डॉक्टर वर्षा ने इस उपलब्धि का श्रेय बुलंदशहर उत्तर प्रदेश निवासी अपने पिता को दिया है।
डॉ. वर्षा सिंह ने पहले चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से अंग्रेजी विषय में पीएचडी की और सिर्फ 2019 यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। उनका चयन अंग्रेजी विषय में सहायक अध्यापक के पद पर हुआ। मेरिट में नौवां स्थान प्राप्त कर उनकी प्रथम नियुक्ति राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी चमोली में हुई। तब से वह छात्रों को अंग्रेजी विषय की शिक्षा देती आ रही हैं और उनका प्रयास है कि कोई भी छात्र अंग्रेजी विषय में कम ना रहे। इस उपलब्धि से उनके छात्रों में भी जबरदस्त उत्साह है। डॉ. वर्षा सिंह को चारों तरफ से बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं। डॉक्टर वर्षा सिंह ने बताया कि उनका पूरा प्रयास छात्रों को अंग्रेजी विषय में आगे बढ़ाना है। बताया कि वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से हैं। उनके पिता भूपेंद्र सिंह राणा पेशे से वकील थे और उनकी माताजी गायत्री देवी ग्रहणी हैं। वह अपने दोनों भाइयों के बीच अकेली बहन हैं। बचपन से ही पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और उनके कार्यों को सराहा। डॉक्टर वर्षा सिंह अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को ही देती हैं। उन्होंने बताया कि पिता की बदौलत ही उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। वर्षा सिंह कहती हैं कि आलोचनाओं और मुश्किलों को दरकिनार करते हुए हमें पूरी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से अपना कर्म करना चाहिए।।