हरिद्वार

हरिद्वार जिले में राहत व बचाव कार्यों पर हरीश रावत ने उठाए सवाल, सीएम धामी से पूछा कहां है जिलों के प्रभारी मंत्री..??

लक्सर-खानपुर में ग्रामीणों और जानवरों के भूखे मरने की नौबत, सांप-चूहे मरने से बीमारियों का खतरा, सर्वे और सहायता की मांग..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: बाढ़ से प्रभावित जिले के तटवर्ती लक्सर-खानपुर के अलावा रुड़की क्षेत्र का स्थलीय दौरा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राहत और बचाव कार्यों पर सवाल उठाए हैं। हरिद्वार प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि घरों में रखा राशन बाढ़ से खराब हो गया और खेतों की फसलें नष्ट हो गई। जिससे ग्रामीणों और जानवरों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। लगातार जलभराव से सांप और चूहा मर रहे हैं। जिससे बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है।

फाइल फोटो

हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा कि जिलों के प्रभारी मंत्री कहां हैं..? इससे पहले कि लोग भूख और बीमारियों से मरने लग जाएं और हालात बद से बदतर हो जाएं, मुख्यमंत्री धामी और उनकी टीम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जमीनी स्तर पर राहत और बचाव कार्य करने चाहिए।

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उन्होंने जिलाधिकारी से भी आग्रह किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया जाए और राहत व बचाव कार्य में तेजी लाते हुए सहायता राशि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्रभावितों के खातों में भेजी जाए। इतना ही नहीं महंगाई को देखते हुए मुआवजे का मानक बदलकर दोगुना किया जाए।

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जिले में बाढ़ की समस्या को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी के बन्धों की मरम्मत करना तो दूर, निरीक्षण तक नहीं किया गया। लक्सर क्षेत्र में सोलानी नदी पर उनकी सरकार के समय मात्र 100 मीटर का कार्य शेष रह गया था और उनकी सरकार की विदाई हो गई।

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आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 6 साल में सोलानी नदी पर 100 मीटर का कार्य भी नहीं करा पाई। रुड़की क्षेत्र में जलभराव में ही सीवर का पानी बह रहा है। जिससे डेंगू और जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। जल्द से जल्द मेडिकल टीम को इन क्षेत्रों में उतारा जाना चाहिए दवाइयों का छिड़काव कराते हुए साफ पेयजल की व्यवस्था कराई जाए।

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रावत ने आरोप लगाया कि ट्रिपल इंजन की सरकार न तो कांग्रेस के समय में लगे बन्धों का रखरखाव कर पा रही है और ना ही हरिद्वार में पंप का संचालन कर पा रही है। आरोप लगाया कि मध्य हरिद्वार में पंप तक चलाए जाते हैं। जब जलभराव हो जाता है। यदि समय से पंप चलाए जाएं तो जलभराव नहीं होगा या फिर कम होगा।

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हरीश रावत ने ज्वालापुर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारने की मांग भी प्रशासन से की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह भी कहा कि मनसा देवी और चंडी देवी की पहाड़ियों को भी भारी बारिश से नुकसान हुआ है। इसलिए उनकी सरकार में शुरू हुए पर्वत माला ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाना जरूरी है
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“मुख्यमंत्री की मासूमियत पर दया…….

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पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मासूमियत पर दया आती है। धामी के निर्देशों के बावजूद प्रभारी मंत्री जिलों में जाने के लिए तैयार नहीं है। हरिद्वार से किसी भाजपा विधायक को कैबिनेट में जगह ना मिलने पर तंज कसते हुए हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार जिला इन दिनों नेतृत्व विहीन है। उन्होंने सतपाल महाराज का नाम लिए बगैर कहा कि लेकिन जिले में प्रभारी मंत्री की तैनाती तो की गई है। वह मंत्री अभी तक हरिद्वार क्यों नहीं पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुरली मनोहर, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, ग्रामीण जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष अमन गर्ग, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल, पूर्व विधायक रामयश सिंह, पूर्व नगर अध्यक्ष ओपी चौहान, युवा कांग्रेस नेता नितिन तेश्वर, शुभम जोशी आदि मौजूद रहे।

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