हरिद्वार

“वीडियो कॉल पर कहा– हरकी पैड़ी आकर जान दे दूंगा, पिता ने कंट्रोल रूम में लगाई गुहार..

हरिद्वार पुलिस ने बैकग्राउंड से पहचाना स्थान, मौके पर पहुंचकर युवक को बचाया, परिजनों ने जताया आभार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार। “मैं अब और नहीं जीना चाहता… हरकी पैड़ी आ गया हूं, यहीं से छलांग लगाऊंगा…” — देहरादून निवासी एक युवक के इन शब्दों ने उसके पिता के होश उड़ा दिए। यह सब वीडियो कॉल पर हो रहा था, जहां पीछे बहती मां गंगा और घाट की काले-सफेद टाइल्स साफ नजर आ रही थीं।आशंका में डूबे पिता ने तुरंत हरिद्वार पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। कंट्रोल रूम में तैनात सतर्क पुलिसकर्मियों ने वीडियो की बैकग्राउंड देखकर लोकेशन की पहचान की और हरकी पैड़ी पर तैनात टीम को अलर्ट कर दिया।
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कंट्रोल रूम ने पहचाना लोकेशन….कंट्रोल रूम से मिली सूचना के बाद हरकी पैड़ी मुख्य द्वार पर तैनात उप निरीक्षक हरि प्रसाद और चौकी पुलिस को तुरंत अलर्ट किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने तेजी से कार्रवाई की और कुछ ही देर में युवक को घाट के पास तलाश लिया।
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समझा-बुझाकर लाया गया चौकी….युवक को मौके पर शांत किया गया और समझा-बुझाकर पुलिस चौकी हरकी पैड़ी लाया गया। वहां उसकी काउंसलिंग की गई ताकि दोबारा ऐसा कदम न उठाए।
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परिजनों को सौंपा गया युवक….कंट्रोल रूम के जरिए युवक के परिजनों को सूचना दी गई। थोड़ी देर बाद वे चौकी पहुंचे। बेटे को सकुशल देखकर माता-पिता की आंखें भर आईं। उन्होंने हरिद्वार पुलिस का तहेदिल से आभार जताया।
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भावुक पिता बोले– पुलिस न होती तो आज बेटा हमारे साथ न होता….पिता ने कहा, “जिस वक्त मेरा बेटा वीडियो कॉल पर आत्महत्या की बात कर रहा था, हमारी दुनिया जैसे थम गई थी। लेकिन हरिद्वार पुलिस ने जो तत्परता दिखाई, वह सचमुच काबिल-ए-तारीफ है।”
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टीमवर्क से बची एक जान…..
हरिद्वार पुलिस की सतर्कता, सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने एक जान बचा ली। कंट्रोल रूम, फील्ड पुलिस और चौकी स्टाफ ने बेहतरीन समन्वय दिखाया।
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एसएसपी बोले – “हर कॉल हमारे लिए ज़िम्मेदारी है…..वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करने वाली टीम की सराहना करते हुए कहा— “हर कॉल को हम सिर्फ सूचना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी मानते हैं। कंट्रोल रूम स्टाफ की सतर्कता, तकनीकी दक्षता और फील्ड टीम के टीमवर्क से ही युवक की जान बचाई जा सकी। हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति को संकट के समय त्वरित मदद मिले। ”उन्होंने यह भी अपील की कि “मानसिक तनाव की स्थिति में संवाद जरूरी है। कोई भी परेशानी हो, लोग बेहिचक पुलिस से संपर्क करें। हम हरसंभव मदद के लिए तत्पर हैं।

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