गंगा में पूरी रात गरज रही भारी मशीनें, मातृसदन ने अधिकारियों के फोन बंद होने पर उठाए सवाल..
प्रशासन पर लगाया खनन माफिया से गठजोड़ और सरंक्षण देने का आरोप, भ्रष्टाचार को बड़े स्तर पर उठाने की चेतावनी..
पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: गंगा में अवैध खनन को लेकर मातृसदन ने एक बार फिर हुंकार भरी है। खासतौर पर बिशनपुर कुंडी के आस पास रात में भारी मशीनों से होने वाले अवैध खनन को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए खनन माफिया से गठजोड़ का आरोप लगाया है।
मीडिया को जारी बयान में मातृसदन ने रात के समय अधिकारियों के मोबाइल फोन बंद होने पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप लगाया कि इसी कारण शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। ताबड़तोड़ खनन से गंगा व पर्यावरण को भारी नुकसान का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार को बड़े स्तर पर उठाने की चेतावनी दी है।
मीडिया को जारी बयान में मातृसदन की ओर से आरोप लगाया गया है कि इतना बड़ा अवैध खनन प्रशासन के आला अधिकारियों की जानकारी के बिना संभव नहीं है। यह दर्शाता है कि प्रशासन और खनन माफियाओं के बीच मिलीभगत हो सकती है। मातृ सदन का दावा है कि एसडीएम और खनन अधिकारी इस मुद्दे पर निष्क्रिय हैं और शिकायतों का संज्ञान नहीं ले रहे हैं।
मौके पर फोन भी बंद रखे जाते हैं। गंगा के जल और आसपास की पारिस्थितिकी पर अवैध खनन का सीधा असर पड़ रहा है, जिससे क्षेत्र में भारी पर्यावरणीय नुकसान हो रहा है। मातृसदन ने पूछा है कि जिलाधिकारी ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाया है?
क्या अधिकारियों की निष्क्रियता प्रशासनिक भ्रष्टाचार का संकेत है? अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे? चेतावनी दी है कि यदि अवैध खनन तुरंत नहीं रुका, तो यह मामला व्यापक विरोध और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि गंगा और पर्यावरण को हो रहे नुकसान की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की है।