पंच👊नामा-ब्यूरो
विकास कुमार, हरिद्वार: उत्तराखंड पुलिस के मुखिया अशोक कुमार दल बल के साथ शनिवार को हरिद्वार जिले के दौरे पर थे।
उन्होंने जन संवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और पुलिस को आमजन की शिकायतों के प्रति संवेदनशील होने की नसीहत दी। इतना ही नहीं डीजीपी अशोक कुमार ने हिदायत दी कि थाने में आने वाली हर शिकायत की रिसीविंग फरियादी को दी जाए।
लेकिन कमाल की बात यह है कि जिस वक्त डीजीपी अशोक कुमार जिले के पुलिसकर्मियों को उनकी जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा रहे थे, ठीक उसी वक्त एक पीड़ित गंगनहर कोतवाली में एड़िया रगड़ने के बाद पुलिस कप्तान अजय सिंह से गुहार लगाने को मजबूर था। मामला खून पसीने की गाड़ी कमाई की ठगी का है।
हैरानी की बात यह है कि लगभग हर मीटिंग में पुलिस कप्तान अजय सिंह की ओर से निर्देश दिए जाने के बावजूद पुलिस शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं है।
———————————————————-
ना एफआईआर और ना साइबर सेल को भेजी शिकायत…..
सचिन कुमार त्यागी पुत्र महेशचन्द त्यागी निवासी पश्चिमी अंबर तालाब रुड़की ने एसएसपी शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायती पत्र देकर बताया कि बीती 30 जनवरी को मोबाइल फोन पर कॉल आई। जिसके बाद क्रेडिट खाते से 75 हजार रुपये निकाल लिए गए। इसकी शिकायत एचडीएफसी बैंक पहुंचे। जहां बैंक प्रबंधक के कहने के बाद टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा दी।
आरोप है कि इसके बाद फिर से दो फरवरी केे एक लाख 90 हजार रुपये की रकम खाते से गायब हो गई। एक मार्च को इसकी शिकायत गंगनहर कोतवाली में की गई। पुलिसकर्मियों ने प्रार्थना पत्र लेकर रख लिया। कोई रिसीविंग नहीं दी, इस शिकायत पर मुकदमा दर्ज करना तो दूर ना तो रिसीविंग दी गई और ना ही साइबर सेल भेजा गया।