अपराधहरिद्वार

पुलिस के होमवर्क, पुख़्ता इंतजाम और सामुदायिक सहयोग से जिले में शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई होली..

पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने खुद संभाला मोर्चा, राजपत्रित अधिकारियों ने की मॉनिटरिंग, रात से दिन भर सड़क पर रहे थानेदार..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्म और आस्था की नगरी, इस बार होली के उल्लास में पूरी तरह सराबोर रही। रंगों का यह पावन पर्व जहां हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया। वहीं प्रशासन की सतर्कता और सामुदायिक सहयोग के चलते पूरे जिले में शांति और सौहार्द बना रहा। खास बात यह रही कि इस बार होली का त्योहार और रमजान माह का दूसरा जुम्मा एक ही दिन पड़ा, जिससे जिले में संवेदनशीलता अधिक थी। लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और दोनों समुदायों की समझदारी से यह पर्व शांति और प्रेम का संदेश देकर संपन्न हुआ। पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल ने खुद मोर्चा संभाले रखा, राजपत्रित अधिकारियों ने मॉनीटिरिंग की, और रात से दिनभर तक थानेदार सड़को पर रहकर शांति व्यवस्था में मुस्तैद रहे।
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पुलिस की मुस्तैदी से टली कोई भी अप्रिय घटना….हरिद्वार जिले में संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जिले के संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर मिश्रित आबादी वाले इलाकों जैसे पथरी, भगवानपुर, लक्सर और ज्वालापुर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र डोबाल के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने एक सप्ताह पहले से ही रणनीति बनानी शुरू कर दी थी।
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पुलिस प्रशासन की रणनीति….संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च कर सुरक्षा का संदेश दिया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। जुम्मे की नमाज के दौरान मस्जिदों के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पुलिस और प्रशासन ने विभिन्न समुदायों के लोगों के साथ बैठक कर सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इन सभी तैयारियों का असर यह रहा कि पूरे जिले में किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी और होली का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
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सामुदायिक सहयोग ने निभाई अहम भूमिका….इस बार होली और जुम्मे की नमाज एक ही दिन पड़ने के चलते सामुदायिक सहयोग की परीक्षा थी, जिसे हरिद्वारवासियों ने पूरी ईमानदारी से निभाया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी जुम्मे की नमाज के समय को थोड़ा आगे-पीछे कर हिंदू समाज को होली मनाने का पूरा अवसर दिया। बदले में हिंदू समाज ने भी इस सहयोग की सराहना करते हुए सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया। हरिद्वार के नागरिकों ने यह साबित कर दिया कि यह शहर सिर्फ धर्म और आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल भी है।
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हरिद्वार में रंगों का उत्सव: उल्लास से सराबोर हुई धर्मनगरी….होली के दिन हरिद्वार का हर कोना रंगों में डूबा नजर आया। सुबह से ही लोग रंग और गुलाल लेकर सड़कों पर उतर आए और एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर होली की शुभकामनाएं दीं। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने गंगा घाटों पर एक-दूसरे को रंग लगाकर त्योहार का आनंद लिया। भीमगोडा, ज्वालापुर, कनखल सहित पूरे शहर में रंगों की धूम रही। पथरी, लक्सर, भगवानपुर जैसे देहात क्षेत्रों में भी होली का जोश देखने लायक था।
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सांस्कृतिक आयोजनों ने बढ़ाया रंग….होली के अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और संस्थाओं ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया। कवि सम्मेलनों, गीत-संगीत और रंगारंग प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
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प्रशासन और जनता ने एक-दूसरे का आभार जताया…हरिद्वार में होली का शांतिपूर्ण और उल्लासपूर्ण आयोजन प्रशासन और नागरिकों की आपसी समझदारी का बेहतरीन उदाहरण बना। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने जिलेवासियों को शांतिपूर्ण होली के लिए धन्यवाद दिया और पुलिस टीमों की तत्परता की सराहना की। वहीं, जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने भी नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि हरिद्वार ने एक बार फिर आपसी सौहार्द की मिसाल पेश की है।

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