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किट्टी की धोखाधड़ी में जेल से छूटते ही फिर पति पत्नी ने सवा लाख रुपए ठगे..

हरिद्वार के गरीब-मजदूर "भाजपा नेत्रियों के हाथों पहले ही गवा चुके हैं करोड़ों, 15 महीने बाद जेल से छूटे "बंटी-बबली ने फिर बनाया एक महिला को शिकार..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: मुफ्त की कमाई ठगने का चस्का लग जाए तो बड़ी मुश्किल से छूटता है। किट्टी की धोखाधड़ी में 15 महीने बाद जेल से छूटने के बाद एक पति-पत्नी फिर से उसी धंधे में जुट गए और महिला से करीब सवा लाख रुपए ठग लिए। पुलिस ने पति पत्नी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 

फाइल फोटो: विधायक मदन कौशिक के साथ एक कार्यक्रम में किट्टी की धोखाधड़ी के आरोपी गुरप्रीत कौर

यह मामला देहरादून का है। लेकिन 2017 में हरिद्वार के हजारों परिवार भाजपा नेत्रियों के हाथों खून पसीने की मेहनत की कमाई गवा चुके हैं और आज भी उससे उबर नहीं पाए हैं।
देहरादून के तिलक रोड निवासी राधा कन्नौजिया ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि निशांत जैन व उसकी पत्नी साहिबा जैन निवासी एमडीडीए कांपलेक्स निकट धारा चौकी ने बालाजी ट्रैडर्स के नाम से किट्टी का काम करते हैं। उन्होंने किट्टी के नाम पर उससे एक लाख 32 हजार रुपये जमा करवाए और समय पूरा होने पर रुपये देने से इंकार कर दिया।

फाइल फोटो: शिवांगी त्रिपाठी

दरअसल दोनों पति पत्नी किट्टी की धोखाधड़ी में 15 महीने बाद जेल से जमानत पर छूटे हैं और आते ही फिर से उसी धंधे में लग गए। पुलिस ने उनके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन मुकदमों से अगर किसी पीड़ित को उसकी रकम मिलती तो आज हरिद्वार के सैकड़ों परिवार खुशहाल होते हैं। क्योंकि उन्हें किट्टी के नाम पर भाजपा नेत्रियों ने ऐसा जख्म दिया है, जिससे वह अभी तक उबर नहीं पाए हैं। किसी की बेटी की शादी नहीं हो सकी तो किसी का व्यापार ही चौपट हो गया। पुलिस ने आरोपी भाजपा नेत्री शिवांगी त्रिपाठी और सविंदर सिंह व गुरप्रीत कौर को गिरफ्तार कर जेल जरूर भेजा। मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी हुआ। लेकिन किसी भी पीड़ित को उसकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिल सकी। ऐसे कई परिवार आज भी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।

फाइल फोटो: उस समय भाजपा के लोगो ने दिलाया था भरोसा..

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आरोप लगे, पर विधायक पूरी न कर सके उम्मीद..……
हरिद्वार: लोगों को किट्टी के नाम पर करोड़ों का चूना लगाने वाली दोनों ही भाजपा नेत्रियां स्थानीय विधायक मदन कौशिक से जुड़ी थी। बल्कि शिवांगी त्रिपाठी तो भाजपा के जिला मंत्री भी थी। जबकि गुरप्रीत कौर को मदन कौशिक के राजनीतिक कार्यक्रमों में अक्सर देखा जाता था। यही वजह है कि उस समय पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार के नेतृत्व में विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर मदन कौशिक को घेरने का प्रयास किया। मदन कौशिक पर आरोपियों को बचाने के आरोप भी लगे। जबकि भाजपा से जुड़े लोगों ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया था कि मदन कौशिक ना सिर्फ आरोपियों पर कार्रवाई कराएंगे, बल्कि उनके पैसे भी वापस दिलाएंगे। लेकिन एक बार जमानत पर छूटने के बाद ना तो कोई भी आरोपी दोबारा जेल गया और ना ही पीड़ितों को उनकी रकम वापस मिली।

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