पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: मोबाइल व चेन लूट की घटनाओं में बाइक या स्कूटी पर अमूमन दो लोग घटनाओं को अंजाम देते हैं। लेकिन पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर चलाए जा रहे चेकिंग अभियान के दौरान रानीपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
जिसे शातिर पति-पत्नी अपने एक नाबालिग साथी के साथ मिलकर चला रहे थे। घटना के दौरान पीड़ित की आंखों में धूल झौंकने के लिए उन्होंने नया फंडा अपनाया हुआ था। पति स्कूटी चलाता और पत्नी पीछे बैठती। बीच में नाबालिग को बैठाया जाता, ताकि किसी को शक न हो।
यदि शक हो भी जाए तो पति-पत्नी और नाबालिग को उनका बेटा मानकर कोई यकीन ही नहीं करेगा कि परिवार के साथ कोई ऐसी घटना कर सकता है। जबकि हकीकत यह है कि बंटी-बबली का “छोटा कारतूस” यानि नाबालिग इतना शातिर है कि घटना से पहले रैकी भी वही करता था। कुल मिलाकर रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी के नेतृत्व में पुलिस ने सात मोबाइल फोन बरामद करते हुए सिटी क्षेत्र में हुई मोबाइल लूट की सात घटनाओं का पर्दाफाश किया है। पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने टीम को शाबाशी दी है।
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एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि मुकेश कुमार गुप्ता निवासी बीएचईएल हरिद्वार और प्रिया रावत निवासी रामधाम कॉलोनी रानीपुर ने पिछले दिनों मोबाइल लूट की शिकायतें दर्ज कराई थी। एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने खुलासे का निर्देश दिए थे। एएसपी/सीओ सदर जितेंद्र मेहरा के निर्देशन में रानीपुर कोतवाल कमल मोहन भंडारी ने एसएसआई मनोहर रावत के साथ मिलकर अलग-अलग टीमें बनाई।
सीसीटीवी कैमरों को चेक करने के साथ ही मैन्युअल पुलिसिंग से भी सुराग जुटाए। आखिरकार बंटी बबली और नाबालिग की तिकड़ी पुलिस के हाथ आ गई। पूछताछ में पता चला कि आरोपी रितेश निवासी कनखल व उसकी पत्नी अपने नाबालिग साथी को स्कूटी पर बैठाकर घटनाओं को अंजाम देते थे।
गली-मोहल्लों में घूमकर राहगीरों, खासकर महिलाओं के मोबाइल झपटने के दौरान साथ में महिला और बच्चा होने की वजह से लोगों को इन पर शक नहीं होता था। झपटमारी से छीने गए मोबाइल फोन अपने साथी शगुन और राहुल कश्यप की मदद से औने-पौने दामों में बेच देते थे।
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नशे की लत….
मुख्य आरोपी और उसके साथी मेट्रिक और इंटरमीडियट पास हैं। इन सबने नशे की लत पूरी करने के लिए झपटमारी का रास्ता चुना। रितेश, जो नशे का आदी है, अपनी पत्नी को इस काम में शामिल करके सुरक्षित महसूस करता था। नाबालिग साथी के साथ इनकी योजना होती थी ताकि इनपर किसके को शक न हो।
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पुलिस की कार्रवाई…..पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के आधार पर दो अन्य आरोपी, शगुन और राहुल कश्यप, को लूटे गए 7 मोबाइल सहित गिरफ्तार किया। एक अन्य आरोपी की तलाश अभी भी जारी है। पुलिस की सूझबूझ और सतर्कता से इस गिरोह को पर्दाफाश हुआ। जिसने कई लोगों को आतंकित किया था।
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अपराधियों की शिक्षा और आपराधिक इतिहास….
गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी रितेश 12वीं पास है, जबकि उसकी पत्नी 8वीं तक पढ़ी है। शगुन और राहुल भी 10वीं-12वीं तक शिक्षित हैं। शगुन और राहुल कश्यप के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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गिरफ्तार आरोपियों का विवरण….
1:- रितेश पुत्र महिपाल, निवासी ग्राम कुडाना, थाना शामली, उत्तर प्रदेश, हाल निवासी निकट जगदगुरु आश्रम, थाना कनखल, हरिद्वार।
2:- रितेश की पत्नी, 19 वर्ष, शिक्षा 8वीं पास।
3:- शगुन पुत्र रामगोपाल, निवासी बैरागी बजरिवाला, थाना कनखल, हरिद्वार।
4:- राहुल कश्यप पुत्र स्व. भूपेन्द्र कश्यप, निवासी पंत दीप पार्किंग, लाल कोठी, थाना कोतवाली नगर, हरिद्वार।
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पुलिस टीम में….
1:- ASP/CO सदर जितेंद्र मेहरा (IPS)
2:- SHO रानीपुर कमल मोहन भण्डारी
3:- व0उ0नि0 मनोहर रावत
4:- उ0नि0 प्रियंका इजराल
5:- अ0उ0नि0 सुबोध घिल्डियाल
6:- का0 उदय नेगी
7:/ रिक्रूट का0 विनोद