पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: “यदि शिक्षक और अभिभावक सजग रहेंंगे तो मासूमों को यौन उत्पीड़न का शिकार होने से बचाया जा सकता है। जरूरी नहीं है कि बच्चों पर यौन हमला करने वाला कोई अजनबी हो, ये कोई रिश्तेदार, परिवार का सदस्य, स्कूल का कर्मचारी भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आंख मूंदकर विश्वास करने के बजाय बच्चों की हर समय निगरानी की जाए… यह बातें एंकर पैनासोनिक कंपनी और अभिप्रेरणा फाउंडेशन की ओर से बच्चों को याैन उत्पीड़न से बचाने, उसे पहचानने और उसके खिलाफ कानूनी प्राविधान के इस्तेमाल को लेकर सिडकुल के एक होटल में आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों को बताई गई। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के तौर पर ज्वालापुर कोतवाली के उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन ने जनपद के विभिन्न सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को पोक्सो एक्ट (2012) की जानकारी देते हुए कानूनी मार्गदर्शन किया। उन्हें बताया गया कि शिक्षक किस तरह पीड़ित बच्चों की पहचान कर सकते हैं, उनके साथ हुए अपराध की जानकारी लेकर कानूनी सहायता ले सकते हैं।
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कार्यशाला का शुभारंभ……. अभिप्रेरणा फाउंडेशन के सचिव दीपेश चंद प्रसाद, ज्वालापुर कोतवाली के उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन, संस्था की समन्वयक पिंकी प्रसाद, अपराध संवाददाता मेहताब आलम ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य वक्ता उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन ने पीपीटी के माध्यम से पोक्सो एक्ट के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह अधिनियम बालकों के साथ लैंगिक शोषण के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान करता है, जिसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने में शिक्षक अहम भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षकों को बच्चों के व्यवहार और उनके आसपास के माहौल पर सतर्क नजर रखने की सलाह देते हुए उन्हें बताया गया कि किसी भी असामान्य संकेत को पहचानकर बच्चे से संवाद कैसे स्थापित करें और कानूनी सहायता कैसे प्राप्त करें। कार्यशाला में कहा कि लैंगिक अपराधों की रोकथाम के लिए शिक्षकों, अभिभावकों और समाज का सक्रिय सहयोग आवश्यक है। डॉ दीपेश चंद्र प्रसाद ने सभी का धन्यवाद देते हुए कहा कि कार्यशाला से सभी का ज्ञानवर्धन हुआ है, विश्वास है कि इससे और लोगों को भी जागरूक करेंगे। समन्वयक पिंकी प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर कार्यशाला में सहयोग के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रर्मेंद्र डोबाल का भी आभार जताया गया। अपराध संवाददाता मेहताब आलम ने भी अपने विचार साझा करते हुए जन जागरूकता पर ज़ोर दिया। संचालन रीमा धीमान ने किया। कार्यशाला में उजाला सिंह, प्रीति नौटियाल, मोहिनी सिंह, मोनिका शर्मा, सुशीला तेजयान, वैशाली शर्मा, राखी चौहान, अवनीश कुमार, अमित कुमार, अशोक कुमार, संदीप कुमार, सुनील कुमार, सागर चौहान, सचिन मौर्या और दीपक धीमान उपस्थित रहे।