हरिद्वार

अवैध निर्माणों ने बिगाड़ दी शहर की सूरत, एचआरडीए बना तमाशबीन…

सफेद हाथी साबित हो रहा एचआरडीए...

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पंच👊नामा-ब्यूरो
रुड़की: शहरभर में दर्जनों अवैध निर्माण खूब धड़ल्ले से चल रहे है, और सम्बंधित विभाग तमाशबीन बना हुआ है, आलम ये है कि अवैध निर्माण धारक बेखौफ होकर सरकार के राजस्व को चुना लगा रहे है और विभाग के कुछ अधिकारी निर्माण धारको पर कार्रवाई करने की बजाए उनका अंदरूनी सहयोग करने में लगे है। बिडम्बना ये है कि अवैध निर्माणों पर विभाग के निचले अधिकारी सांठगांठ कर उच्चाधिकारियों को भृमित करते है और अपना उल्लू सीधा करते है, इसके एवज में निर्माण धारक नजराने के रूप में मोटी रकम अधिकारियों को भेंट कर निर्माण मुकम्मल कर लेते है।

रुड़की शहर में विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) अवैध निर्माणों पर इस कदर मेहरबान है कि अक्सर मात्र खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता नजर आता है। आलम ये है कि शिकायत के बावजूद भी विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने से बचते है। जबकि फुटमुत निर्माणों पर कार्रवाई कर बड़े निर्माणों पर खूब मेहरबानी की जाती है। इन अवैध निर्माणों से शहर की सूरत बिगड़ रही है और एचआरडीए कुम्भकर्णी नींद सोने का ढोंग रच रहा है। रुड़की सिविल लाइन में नुजूल की संपत्तियों पर निर्माण के मामले में एचआरडीए की भूमिका हमेशा से सन्दिग्ध रही है। नुजूल की भूमि पर होने वाले निर्माण को विभाग रोकने का ढोंग रचाकर खाना पूर्ति कर लेता है और धीरे-धीरे निर्माण मुकम्मल हो जाता है।
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क्या कहते है अधिकारी….
रुड़की एचआरडीए अधिकारी डीएस रावत ने बताया कि विभाग लगातार कार्रवाई करता है, शिकायत मिलने पर नोटिस की कार्रवाई की जाती है इसके बाद यदि निर्माण धारक निर्माण करता है तो उसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है।
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ऊँची पहुँच वालो पर नही चलता जोर…..
राजनीतिक रसूक रखने वाले लोगो पर एचआरडीए का जोर नही चलता है, जबकि छोटा-मोटा निर्माण करने वाले स्वामियों पर विभाग कार्रवाई करने में पल भर भी समय नही लगाता, ऐसे कई मामले है जिन्हें विभाग ने नोटिस देकर निर्माण रुकवाया और थोड़ी ही देर बाद निर्माण शुरू हो गया, और देखते ही देखते निर्माण मुकम्मल भी हो गए।

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