हरिद्वार में अवैध खनन का काम तमाम, सरकारी तंत्र नाकाम, निजी कंपनी ने संभाली कमान..
चार विभाग मिलकर भी नहीं रोक पाए ताबड़तोड़ अवैध खनन, तो क्या गुल खिला पाएगी कंपनी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ताबड़तोड़ खनन रोकने में सरकारी तंत्र के नाकाम होने के बाद अब निजी कंपनी को मैदान में उतरा गया है। हालांकि यह अपने आप में ही सवाल है कि जब सरकारी सिस्टम केवल खोखले दावे करता रहा और अंधाधुंध खनन होता रहा तो ऐसे में निजी कंपनी क्या वास्तव में अवैध खनन रोक पाएगी या फिर यह एक शिगूफा साबित होगा।
वह भी तब, जब आचार संहिता लागू हो चुकी है। बहरहाल पर्दे के पीछे की कहानी कुछ भी हो, फिलहाल अवैध खनन को रोकने के लिए निजी कंपनी ने जिले में 13 जगह चेकपोस्ट स्थापित कर दिए है। जहां पर बीच सड़क गाड़ी रोक रायल्टी और रवन्ना चेक किया जाएगा।
शुक्रवार रात से कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। 06 बैरियर हरिद्वार और तीन तीन लक्सर, रुड़की के अलावा एक बैरियर चेकिंग के लिए बुग्गावाला में लगाया गया है। इसमें चार बॉर्डर और अन्य नौ आतंरिक चेकपोस्ट बनाए गए है।
अवैध खनन पर लगाम कसने का काम वन विभाग, खान विभाग, वन निगम और पुलिस पर होता है। लेकिन यह सारे विभाग मिलकर भी अवैध खनन की अंधी लूट नहीं रोक पाए। अब अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए निजी‘कंपनी” की एंट्री हो गई।
प्रदेश के चार जिले हरिद्वार नैनीताल, ऊधम सिंह नगर, और देहरादून जिले के लिए कंपनी को चयनित किया गया है। आंध्र प्रदेश की चयनित कंपनी के पास सरकारी विभागों की तरह पावर दी गई है।
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यहां बनाए है बैरियर….
बिहारीगढ़ के अमानतगढ़ में, कोटावाली के चिड़ियापुर में, इब्राहिमपुर, कांगड़ी, जियापोता, पदार्था उर्फ धनपुरा, शेरपुर भट्टी के शाहपुर में, लक्सर चौक, रायपुर श्रीसीमेंट फैक्ट्री, रायसी, बेहढ़पुर, तेलपुरा, बांजारावाला ग्रंट के शिवालिक फार्म पर चेकपोस्ट बनाया गया है।
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मिलीभगत के लगते थे आरोप…..
खनन को लेकर पुलिस के अलावा प्रशासन पर भी कई बार मिलीभगत के आरोप लगते थे। अब निजी कंपनी आने से इस तरह के आरोप कम लगा करेंगे। क्योंकि अधिकांश कामकाज निजी कंपनी को दिया गया है। सभी चेकपोस्ट पर कंपनी के ही कर्मचारी तैनात होंगे।