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हरिद्वार में “हरदा और प्रीतम का “नौ 2 ग्यारह का फार्मूला तय..

जिले की 11 सीटों पर दोनों गुटों का तालमेल बैठाने में जुटा हाईकमान,, काजी फुरकान व ममता के अलावा इन चार नेताओं के टिकट फाइनल..

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पंच👊नामा
सुल्तान: हरिद्वार:- उत्तराखंड में चुनाव समर के बीच किसी भी बिखराव को रोकने के लिए कांग्रेस हाईकमान हरीश रावत और प्रीतम गुट के बीच तालमेल बैठाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है। 11 सीटों वाले जनपद हरिद्वार की बात करें तो यहां भी हरदा का पलड़ा प्रीतम गुट से काफी मजबूत है। हालांकि, प्रीतम गुट को भी हाईकमान सिरे से नकारने की स्थिति में नहीं है। इसलिए जिले की 11 सीटों पर भी आपसी सामंजस्य बैठाते हुए टिकट तय किए गए हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसके लिए नौ 2 ग्यारह का फार्मूला तय कर दिया गया है।

अंदर की खबर यह है कि प्रीतम गुट सिमटते-सिमटते जिले की 2 सीटों पर आकर अड़ गया है। इसलिए 9 सीटों पर हरीश रावत और 2 सीटों पर प्रीतम गुट के दावेदारों को टिकट देने की बात सामने आ रही है। इन 9 सीटों में सीटिंग विधायक काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद और ममता राकेश का टिकट कंफर्म करते हुए अलग कर दें तो बाकी 6 सीटों में हरीश रावत गुट के दावेदारों पर लगभग मुहर लग चुकी है। जिनमें हरिद्वार सीट से पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, हरिद्वार ग्रामीण सीट से अनुपमा रावत का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर है।

ज्वालापुर, लक्सर, खानपुर व झबरेड़ा सीट पर हरीश रावत गुट के ही दावेदारों में मुकाबला बना हुआ है। प्रीतम गुट के खाते में रुड़की और रानीपुर सीट आने की पुष्टि पार्टी के सूत्र कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो रुड़की से यशपाल राणा और रानीपुर सीट से संजय पालीवाल को टिकट मिलना लगभग तय हो गया है। टिकट वितरण का नौ 2 ग्यारह का यह समीकरण चुनाव में क्या रंग दिखलाता है और बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में कितना मददगार साबित होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। अलबत्ता, फिलहाल देखने वाली बात यह है कि हाईकमान के गणित को कितने दावेदार स्वीकार करेंगे और कितने फिर बागी होकर “आम आदमी पार्टी, बसपा या निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में खम ठोकेंगे।
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बाहरी पोस्टर प्रत्याशी के पत्ते साफ़…
हरिद्वार: इस गणित के हिसाब से हरिद्वार सीट पर एक ऐसे दावेदार के पत्ते साफ होते नजर आ रहे हैं, जिसको हरिद्वार के कुछ कांग्रेसी पिछले कुछ महीनों से अपने कांधे पर उठाए घूम रहे हैं। हालांकि कांधे पर बोझ उठाने वाले कांग्रेसी खुद यह जानते हैं कि सिवाय बैनर पोस्टरों के बाहरी नेता की कोई जमीनी पकड़ हरिद्वार में मौजूद नहीं है। वहीं, ज्वालापुर सीट पर देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस बार भी पैराशूट प्रत्याशी टिकट लपकने में कामयाब हो पाएंगे। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि नौकरी छोड़कर राजनीति में आए एक पूर्व नौकरशाह की किस्मत खुलती है या फिर हरदा के किसी पुराने वफादार को ईनाम मिलता है। तीसरी लक्सर सीट पर भी हाजी तस्लीम को लेकर उनके समर्थकों की निगाहें हरीश रावत पर लगी हुई है। अंदर की बात यह है कि कांग्रेसियों से ज्यादा तस्लीम के टिकट पर भाजपा की निगाह है।
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