
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: कानून का काम पीड़ित को न्याय दिलाना होता है, इसलिए पुलिस की जांच से पीड़ित पक्ष का संतुष्ट होना ज्यादा अहमियत रखता है। लेकिन ज्वालापुर के चर्चित मेहताब हत्याकांड में तो आरोपी पक्ष ने कानून का खिलौना ही बना कर रख दिया। हैरानी की बात यह है कि पुलिस की तरफ से जब भी गिरफ्तारी का दबाव बनता है। तभी फरार आरोपी आरजू का पिता चंद अधिकारियों से अपनी जान पहचान और जी हुजूरी के बल पर जांच ट्रांसफर करा देता है। हाल यह है कि पुलिस गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित कर चुकी है, यहां तक की कुर्की के लिए मुनादी की कार्रवाई भी कराई जा चुकी है, इतना होने के बाद भी फरार इनामी आरजू के पिता इस्लाम ने फिर से जांच ट्रांसफर करा दी। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इंसाफ मिलने में देरी से आहत मेहताब के परिजनों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर अपनी व्यथा सुनाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

साथ ही पुलिस कप्तान अजय सिंह से मिलकर भी आरोपी के पिता की कारगुजारी बताते हुए जल्द गिरफ्तारी की मांग की।ज्वालापुर की मोहल्ला कैथवाडा बकरा मार्केट निवासी मेहताब खान की शादी 25 नवंबर 2021 को आरजू पुत्री इस्लाम मूलनिवासी लंढौरा हाल निवासी सत्ती मोहल्ला रुड़की के साथ हुई थी। बीते रमजान माह में 29 अप्रैल की रात मेहताब और उसकी पत्नी आरजू अपने कमरे में सोने चले गए। सुबह मेहताब की मां रुखसाना ने उसे सहरी खाने के लिए जगाने का प्रयास किया तो आरजू ने यह कहकर उन्हें लौटा दिया कि पति की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह रोजा नहीं रख सकते। सुबह लगभग 9:00 बजे एक बार फिर रुखसाना बेगम ने अपने बेटे को जगाने का प्रयास किया, तब भी आरजू ने उसके सोने का बहाना बनाया। अनहोनी की आशंका पर जब पड़ोसियों ने मिलकर दरवाजा खुलवाया तो मेहताब जमीन पर अचेत पड़ा हुआ था। भूमानंद अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इस मामले में आरजू पर मेहताब की हत्या का आरोप लगाते हुए रुखसाना बेगम की ओर से ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की जांच उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन को सौंपी गई, लेकिन चंद दिनों बाद ही आरजू के पिता इस्लाम ने प्रार्थना पत्र देकर जांच कनखल ट्रांसफर करा दी। यहां कनखल थाने के एसएसआई अभिनव शर्मा ने छानबीन करते हुए आरोपी पत्नी आरजू की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिए, कई बार दबिश देने के बाद भी वह हाथ नहीं आई। जिस पर उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया। इसके बावजूद आरजू को उसके मायके वालों ने छिपाए रखा और पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई की तरफ कदम बढ़ाते हुए सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस तामील कराया। जल्द ही कुर्की की कार्रवाई अमल में लाई जानी है, लेकिन इससे पहले ही आरजू के पिता ने एक बार फिर अधिकारियों में अपनी सांठगांठ का सबूत देते हुए जांच कनखल से रानीपुर कोतवाली ट्रांसफर करा दी।

मेहताब की बड़ी बहन शबाना ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराते हुए बार-बार जांच ट्रांसफर करने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पुलिस अपना काम बिल्कुल ठीक कर रही है।

लेकिन आरजू का पिता बार-बार जांच ट्रांसफर कराते हुए पुलिस के काम में अड़ंगा लगा रहा है और आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहा है। वहीं, इस मामले में मेहताब की बुआ नजमा खान ने मेहताब के बहनोई इसरार खान समेत परिजनों को साथ लेकर पुलिस कप्तान अजय सिंह से मुलाकात करते हुए पूरी कारगुजारी बताई और जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की।

पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बहुत जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाते हुए कहा कि कानून का मखौल उड़ाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। पुलिस पूरी तरह निष्पक्ष कार्रवाई करेगी।