हरिद्वार

गर्म मौसम के बीच 10 साल के मासूम रियाज़ ने दिया सब्र का इम्तिहान…

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पंच👊नामा-ब्यूरो
पिरान कलियर: तपती गर्मी भी खुदा की इबादत करने वालों का इरादा नहीं डिगा सकती, इस बात को साबित किया है 10 साल के मासूम रियाज ने। भीषण गर्मी में करीब 14 घंटे भूखे-प्यासे रहकर 10 वर्षीय रियाज सिद्दीकी ने अपनी ज़िंदगी का पहला रोज़ा रखा। सभी नमाज़े अदा की, और पूरे परिवार के साथ रोजा मुक्कमल होने पर इफ्तार किया।रियाज ने बताया कि उसने पहला रोजा रखा, रोजा रखने की खुशी में इस भीषण गर्मी में भी प्यास का अहसास नहीं हुआ। रोजा रखने से उसे बहुत खुशी हुई। अब हर साल इसी तरह रोजे रखकर खुदा की इबादत करूंगा।पिरान कलियर नगरपंचायत के वार्ड नम्बर 7 के सभासद गुलशाद सिद्दीकी के बेटे रियाज़ सिद्दीकी (10) ने शनिवार को पहला रोजा रखा, रियाज़ ने पुरे परिवार के साथ मिलकर सहरी खाई, और रोजे की नीयत करते हुए फज्र की नमाज अदा की।रियाज़ की उम्र 10 साल है और उसने अपनी जिंदगी में ये पहला रोजा रखा है जिसको लेकर मासूम रियाज़ समेत पूरे परिवार में उत्सुकता का माहौल है। रियाज़ के रोजा रखने पर घर मे ख़ास पकवान तैयार किए गए और मगरिब के समय रोजा मुकम्मल होने पर रियाज़ ने पूरे परिवार के साथ रोजा इफ्तार किया।बता दे कि मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा व सबसे लंबा चलने वाला त्यौहार पाक माहे रमजान का हैं। रमजान माह की इबादत कई महीनों की इबादत से अफजल होती हैं। इस माह में रोजे का खास महत्व होता हैं। रोजा हर बालिग औरत, मर्द, बच्चे, बूढ़े पर फर्ज हैं। रोजेदारों के लिए उम्र की कोई बाधा नहीं हैं। लेकिन इस गर्मी में रोजा रखने वालों में मासूम बच्चों से लेकर बुजूर्ग भी शामिल हैं। बच्चों में रोजा रखने की चाह इतनी ज्यादा रहती है कि परिजनो के इंकार करने पर भी वह रोजा रखते हैं। इस भीषण गर्मी में भी बच्चें रोजा रखने को तैयार है और 14-14 घंटे भूखे-प्यासे रहकर रोजा रख रहे हैं।

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