
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: रेलवे ट्रैक पर मिले शव की शिनाख्त कराने में लापरवाही बरतने पर पुलिस कप्तान अजय सिंह ने एक दारोगा और दो सिपाहियों को अनोखी सजा सुनाई है।

दोनों पुलिसकर्मियों को दो दिन तक श्मशान घाट पर 8 घंटे ड्यूटी देनी होगी। ताकि उन्हें भावनात्मक रूप से अपनी गलती का अहसास हो।

मामला रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र का है। रुड़की निवासी परमजीत कौर का आरोप है कि 20 अक्टूबर को पुलिस ने उसके लापता पति हरीश चांदना की गुमशुदगी दर्ज नहीं की, जबकि उसी शाम पति का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। 72 घंटे बीतने पर पुलिस ने लावारिस में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। कई दिन खुद ही पति को तलाश करते हुए छह दिन बाद परमजीत फिर भटकते हुए कोतवाली पहुंची। तब कपड़ों से उसने रेलवे ट्रैक पर मिले शव की पहचान अपने पति के रूप में की।

पुलिस कप्तान अजय सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह माना है कि इस लापरवाही से पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। उन्होंने जांच बैठाते हुए एसपी देहात एसके सिंह से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी। जांच में दारोगा नवीन सिंह व कांस्टेबल संतोष और चेतन की लापरवाही सामने आई है।

एसएसपी अजय सिंह ने इन तीनों पुलिसकर्मियों को श्मशान घाट पर 2 दिन तक 8 घंटे की ड्यूटी देने के निर्देश दिए। तीनों पुलिसकर्मी हरिद्वार के खड़खड़ी घाट, सतीघाट व चंडी घाट पर आने वाले शव के अंतिम संस्कार के दौरान तैनात रहेंगे। यह मामला पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं, एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि इन्हें भावनात्मक दंड दिया गया है, ताकि पुलिसकर्मियों को अपनी लापरवाही का पश्चाताप हो।