कनखल में तैनात होंगे इंस्पेक्टर या सिडकुल से होगी विदाई…
जिले में एक और इंस्पेक्टर की आमद से शुरू हुई चर्चाएं,, चुनाव के चलते मूल पदों पर हो सकती हैं पुरानी तैनाती..
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर थाने कोतवाली में अदला-बदली के बीच जिले में एक और इंस्पेक्टर की आमद हुई है। दूसरी तरफ से 2 दिन पहले ही कनखल थाना में प्रभारी का पद रिक्त हुआ है। इसलिए कई तरह की चर्चाएं जोर पकड़ गई हैं। दरअसल, चुनाव आयोग की गाइडलाइंस कहती है कि किसी भी पद पर उसी रैंक का अधिकारी तैनात होना चाहिए, जो उसका मूल पद है। ऐसे में कनखल थाने में इंस्पेक्टर की तैनाती तो दूर सिडकुल थाने में तैनात इंस्पेक्टर की विदाई भी हो सकती है।
प्रदेश के थानों में प्रभारी के तौर पर दारोगाओं को थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है। जबकि कोतवाली प्रभारी का पद इंस्पेक्टर संभालते हैं। लेकिन पुलिस कप्तान अपने विवेक और आवश्यकतानुसार थानों में भी इंस्पेक्टर की तैनाती करते रहते हैं। पिछले दिनों तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने पथरी और कनखल थानों में इंस्पेक्टर की तैनाती की।
बाद में पथरी थाने में एसओ तैनात कर दिया गया। मौजूदा पुलिस कप्तान डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कनखल थाने में फिर से एसओ और सिडकुल थाने में इंस्पेक्टर तैनात कर दिया। दूसरे जिलों से आए कई इंस्पेक्टर जनपद में पहले से मौजूद हैं। अब नए इंस्पेक्टर वीरेंद्र नेगी के आने से महकमें में फिर से कनखल को इंस्पेक्टर का थाना बनाने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लेकिन, चुनाव आयोग की गाइडलाइंस कहती है कि मूल पद जिस रैंक के अनुसार होगा, उस पर उसी रैंक की तैनाती होनी चाहिए। कई उदाहरण ऐसे भी हैं जिनमे आयोग के हस्तक्षेप के बाद फेरबदल करना पड़ा है। इस गणित को देखा जाए तो कनखल तो दूर सिडकुल में भी फिर से एसओ की तैनाती की जा सकती है। जिससे इंस्पेक्टर की विदाई कर एसएसआई का पद खत्म हो सकता है। देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा।
नेगी के रिटायरमेंट में 13 माह बाकी…
हरिद्वार: लक्सर कोतवाली प्रभारी रहे इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह नेगी का लगभग डेढ़ साल पहले ही हरिद्वार से तबादला हुआ था। उनके रिटायरमेंट के महज 13 महीने बाकी है। नियमानुसार रिटायरमेंट की 2 साल की अवधि में गृह जनपद या फिर इच्छा अनुसार तैनाती दी जा सकती है। इसलिए इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह नेगी को उनकी इच्छा अनुसार उनके निजी खर्च पर हरिद्वार ट्रांसफर किया गया है।