अपराधउत्तराखंड

11 साल से फरार 50 हजार का इनामी अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार, नेपाल में बनाया हुआ था ठिकाना..

उत्तराखंड एसटीएफ को मिली शानदार कामयाबी, पूछताछ में कई बड़े गिरोह हो सकते हैं बेनकाब..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: उत्तराखण्ड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मैनुअल पुलिसिंग के जरिये एक बड़ी सफलता हासिल की है। 11 वर्षों से फरार चल रहे और 50 हजार रुपये के इनामी अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर रविन्द्र सिंह पुत्र बादल सिंह को एसटीएफ की टीम ने नेपाल बॉर्डर के मोतीहारी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से ड्रग्स तस्करी से जुड़े कई अहम नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि वर्ष 2013 में नैनीताल जिले के काठगोदाम थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में रविन्द्र सिंह और उसके साथी प्रदीप को 6.610 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, जमानत पर बाहर आने के बाद रविन्द्र सिंह अदालत में पेश नहीं हुआ और फरार हो गया। इस दौरान उसके साथी प्रदीप को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई, लेकिन रविन्द्र लगातार पुलिस की गिरफ्त से बचता रहा। उसकी गिरफ्तारी के लिए कुमाऊं परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
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नेपाल में बना लिया था स्थायी ठिकाना…..एसटीएफ के निरीक्षक अबुल कलाम के नेतृत्व में टीम ने अभियुक्त की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी। मैनुअल इनपुट्स और सटीक सूचनाओं के आधार पर पता चला कि रविन्द्र सिंह ने नेपाल के परवाणीपुर जिला बिरगंज में मकान बना लिया था और वहीं से उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था। इसके अलावा, उसने मोतीहारी, बिहार में भी एक मकान बना रखा था। एसटीएफ की टीम ने भेष बदलकर कई सप्ताह तक मोतीहारी में उसकी गतिविधियों और संपर्कों पर नजर रखी। सूचनाओं की पुष्टि के बाद उसे देर रात दबोच लिया गया।
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गिरफ्तार आरोपी का आपराधिक इतिहास….रविन्द्र सिंह इससे पहले भी नकली नोट और जाली स्टाम्प बनाने के मामले में दिल्ली के नबी करीम थाने में पकड़ा गया था। वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज में एक रेड के दौरान उसे गिरफ्तार किया था।
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एसटीएफ की टीम का साहसिक अभियान….इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी में निरीक्षक अबुल कलाम के साथ उपनिरीक्षक यादविंदर सिंह बाजवा, उपनिरीक्षक विध्या दत्त जोशी, कृपाल सिंह, संजय मेहरोत्रा, हेड कांस्टेबल संजय कुमार और महेन्द्र नेगी सहित कई अन्य कर्मी शामिल रहे।
इस मामले में आगे की पूछताछ में कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है, जिससे ड्रग्स तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
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ड्रग्स के खिलाफ अभियान को मिली नई धार…पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ ड्रग्स तस्करों और इनामी बदमाशों पर लगातार शिकंजा कस रही है। इस अभियान से प्रदेश में ड्रग्स तस्करी के गहरे जड़ों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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