“श्रीमहंत रविंद्र पुरी से मिले जापानी गुरु बालाकुंभ मुनि, शिष्यों ने लिया आशीर्वाद, जल्द मिल सकता है महामंडलेश्वर पद..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: भारत की आध्यात्मिक यात्रा पर आए जापानी गुरु बालाकुंभ गुरु मुनि (ताकायुकि) ने बुधवार को श्री मनसा देवी चरण पादुका मंदिर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट की और आशीर्वाद लिया। उनके साथ जापान से आए अनुयायियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा।इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने गुरु मुनि और उनके शिष्यों को मनसा देवी की चुनरी भेंट की और कहा कि वे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही बालाकुंभ गुरु मुनि को पंचायती अखाड़ा निरंजनी का महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।
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सनातन की वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रतीक…..श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा, “हम सभी देशों से प्रेम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया है। जापानी गुरु का भारत से जुड़ाव हमारी परंपराओं की सार्वभौमिकता का प्रतीक है।”
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उत्तराखंड में भी बनेगा शिव मंदिर: गुरु मुनि....गुरु बालाकुंभ मुनि (ताकायुकि) ने बताया कि वे अब तक 100 बार भारत आ चुके हैं और इस बार एक माह के प्रवास पर हैं।
उन्होंने कहा, “मैं जापान में प्रतिदिन यज्ञ करता हूं और वहां भगवान शिव का मंदिर भी बनवाया है। अब उत्तराखंड में शिव मंदिर बनाने की योजना है। ”गुरु मुनि ने बताया कि वे जापान में अपने अनुयायियों को सनातन धर्म की शिक्षाएं देते हैं और भगवान शिव के महत्व को समझाते हैं। उनका उद्देश्य है कि दुनिया भर में सनातन धर्म की दिव्यता और वैज्ञानिकता को पहुंचाया जाए।
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अखाड़ा और संत परंपरा को मजबूत कर रहे हैं श्रीमहंत: संतों की प्रतिक्रिया…..
महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने कहा कि श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज अखाड़ा परंपरा और सनातन संस्कृति को देश-विदेश में सशक्त करने का कार्य कर रहे हैं। वहीं निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत दर्शन भारती ने कहा कि ऐसे संत जो भारत की संस्कृति को विदेशों तक पहुंचा रहे हैं, वे वास्तव में धर्मदूत हैं। यह मुलाकात भारत और जापान की आध्यात्मिक साझेदारी और सनातन धर्म के वैश्विक विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय मानी जा रही है।