पंच👊नामा
पिरान कलियर: मखदूम पाक के आस्ताने की रौनक और जश्न-ए-गरीब नवाज जब एक साथ मिल जाए तो वहां का नजारा देखते ही बनता है। अगर इसमें अकीदत की खुशबू भी बिखर जाए तो यह माहौल नूरानी मंजर में तब्दील हो जाता है। ब्रस्पतिवार की रात दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक में इसी नूरानी मंजर की गवाह बनी। मौका था जश्न-ए-ख़्वाजा गरीब नवाज का। जहां ख्वाजा साहब की शान में जब कव्वालों ने कलाम पेश किए तो अक़ीदमन्द लोग झूम उठे, आस्थावान लोगो ने हाथ उठाकर या गरीब नवाज़, या साबिर पाक के नारे लगाए। ग़ौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से आस्था की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के आंगन में ख़्वाजा गरीब नवाज़ के चाहने वाले जश्न-ए-गरीब नवाज़ मनाते है। इस बार भी ब्रस्पतिवार को मखदूम साबिर वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से जश्न-ए-गरीब नवाज़ बड़े शानो शौक़त के साथ मुनक़्क़ीद किया गया। कार्यक्रम की सरपरस्ती दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह मंजर अली एजाज़ कुद्दुसी साबरी ने की। आयोजन कमेटी ने चिश्तियां जुलूस, चादरपोशी, साबरी लंगर, कुल शरीफ़ और महफ़िल-ए-समा का आयोजन किया। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक साहबजादा शाह यावर मियां, हाजी शादाब कुरैशी, सभासद गुलशाद सिद्दीकी, सूफी राशिद अली साबरी, सम्भल से आए हाजी अकील, मुनव्वर अली साबरी, पत्रकार प्रवेज़ आलम, पत्रकार रियाज कुरैशी आलम सैफी, कल्लू भाई, फैसल खान उर्फ मोंटू, अब्दुल रहमान उर्फ बाबू साबरी आदि आस्थावान लोगो ने दरबार शरीफ में अक़ीदत की चादर व फूल पेश किए। इसके बाद साबरी लंगर तकसीम किया गया। बाद नमाज़े ईशा महफिलें शमा का आयोजन हुआ जिसमें दूर दराज से आए कव्वालों ने ख़्वाजा गरीब नवाज व साबिर-ए-पाक की शान में कलाम पेश कर माहौल को नूरानी बना दिया। जश्न-ए-ग़रीब नवाज़ के आयोजक हाजी शादाब कुरैशी, गुलशाद सिद्दीकी, हाजी अकील व सूफी राशिद अली साबरी ने बताया कि पिछले कई सालों से वह दरगाह साबिर पाक के आंगन में जश्न-ए-गरीब नवाज़ मनाते है। जिसमे दूर दराज से अकीदतमंद शिरकत करते है और फैजियाब होते है। उन्होंने बताया सुबह से लेकर देर रात तक जश्न-ग़रीब नवाज़ मनाया गया, देर रात दुआएं खैर के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।