चार महीने छह दिन बाद जेल से बाहर आया जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी..
भड़काऊ भाषण देने के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से सर्शत मिली है जमानत..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने की अंतरिम बेल मिलने के बाद भड़काऊ भाषण देने के आरोपी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को पूरे चार महीने चार दिन बाद जेल से रिहा कर दिया गया। रिजवी को जेल से जाने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई थी। इसलिए रिहाई होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस का सुरक्षा दस्ता जिला कारागार रोशनाबाद पहुंच गया। यहां से रिजवी लखनऊ रवाना हो गया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आरोपी रिजवी के वकील ने ह्रदय रोग के इलाज के लिए जमानत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए शर्त रखी है कि वह कोई भड़काऊ भाषण नहीं देगा। वहीं, जेल से बाहर निकलने पर मीडिया ने रिजवी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह कुछ बोले बगैर गाड़ी में बैठकर रवाना हो गया।
भड़काऊ भाषण और आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में पुलिस ने बीते 13 जनवरी को ज्वालापुर निवासी नदीम अली की शिकायत पर दर्ज मुकदमें व एक अन्य केस में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद रिजवी को नैनीताल हाइकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल पाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को तीन माह की अंतरिम बेल मिली है।
सीजेएम कोर्ट में जमानत के दस्तावेज दाखिल करने के बाद रिहाई का परवाना जिला कारागार रोशनाबाद भेजा गया। जिसके बाद रिजवी को जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी सीधे लखनऊ लौट गया। वहीं, गुरुवार को रिहाई से पहले इसी मामले में सीजेएम कोर्ट में रिजवी की पेशी भी हुई। कोर्ट ने अग्रिम कार्रवाई के लिए 26 मई की तारीख निर्धारित की है।
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यह था पूरा मामला……
उत्तरी हरिद्वार में 17 से 20 दिसंबर तक एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसे कथित धर्म संसद का नाम दिया गया। इस कार्यक्रम में जितेंद्र नारायण, गाजियाबाद डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद, साध्वी अन्नपूर्णा व महेंद्र दास के साथ कई संत शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में रिजवी, यति सहित अन्य आरोपियों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर देश भर में बवाल हुआ था। बाद में जितेंद्र नारायण और यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया गया था। यति नरसिंहानंद को जमानत मिली गई थी, लेकिर रिजवी को हाइकोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई थी।नरसिंहानंद ने किया सार्वजनिक जीवन छोड़ने का ऐलान…
वसीम रिजवी के गुरु स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने प्रेस को जारी बयान में धर्म संसद और हर तरह के सामाजिक जीवन को छोड़कर पूरी तरह से धार्मिक जीवन जीने का ऐलान किया है। कहा कि इस पूरी लड़ाई में हिंदू समाज की जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के प्रति उदासीनता से खिन्न होकर उन्होंने अपने बचे हुए जीवन को मां और महादेव के महायज्ञ और योगेश्वर श्रीकृष्ण की श्रीमद्भगवद् गीता को समर्पित करने का संकल्प लिया है। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज स्वामी अमृतानंद,बालयोगी ज्ञाननाथ महाराज व अपने साथियों के साथ हरिद्वार जेल पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का स्वागत करने के लिए गए। वहां उन्होंने सम्मान व स्वाभिमान की इस लड़ाई में असफल रहने के लिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी से क्षमा प्रार्थना की और अपने शिष्यों और साथियों से कहा की अब वो अपना बचा हुआ जीवन केवल नवयुवकों को श्रीमद्भगवद् गीता पढ़ाने और धार्मिक कार्यों में लगायेगे।
नाराज़ रिजवी ने यति से नहीं की मुलाकात, वीडियो जारी…
जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई के बाद उनको लेने पहुँचे यति नरसिंहानंद से रिजवी ने मुलाकात तक नही की, जिसके बाद यति नरसिंहानंद ने एक वीडियो जारी कर कहा कि में जितेंद्र त्यागी उर्फ रिजवी से क्षमाप्रार्थी हु, मेरे कारण उन्हें कारावास में रहना पड़ा, उन्होंने कहा मैंने अब तक अपना जीवन इस्लाम के जिहाद में लगाया लेकिन अब में बचा हुआ जीवन महादेव के यज्ञ में लगाऊंगा, सार्वजनिक जीवन को त्यागकर हर-हर महादेव की भक्ति में लीन हो रहा हूं, उन्होंने अपने पिछले जीवन मे जो गलतियां हुई है उसकी भी क्षमायाचना की।