हरिद्वार

रुड़की में पत्रकारों का फूटा गुस्सा.! नगर विधायक प्रदीप बत्रा का पुतला दहन, सड़क पर उतरा मीडिया जगत..

बोर्ड बैठक में बदसलूकी का मामला गरमाया, विधायक के खिलाफ नारेबाजी, पत्रकार बोले "माफी नहीं, तो आंदोलन रहेगा जारी..!!

पंच👊नामा
रुड़की: पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार और तानाशाही रवैये के खिलाफ आज रुड़की में जमकर हंगामा हुआ। नगर विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ पत्रकारों का गुस्सा इस कदर फूटा कि सड़कों पर प्रदर्शन कर उनका पुतला दहन किया गया। शहर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान “तानाशाही नहीं चलेगी” और “पत्रकारों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान!” जैसे गगनभेदी नारे गूंजते रहे। इस प्रदर्शन को लेकर शहरभर में हड़कंप मचा रहा। जैसे ही खबर फैली, रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा और एसपी देहात शेखर चंद सुयाल मौके पर पहुंचे, लेकिन पत्रकारों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने चंद्रशेखर चौक पर नगर विधायक का पुतला फूंककर विरोध दर्ज कराया।
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क्या है पूरा मामला….?दरअसल, मामला तब भड़का जब रुड़की नगर निगम की बोर्ड बैठक में भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने पत्रकारों को जबरन बाहर निकाल दिया। यही नहीं, उन पर धक्का-मुक्की और अपमानजनक व्यवहार करने के भी आरोप लगे हैं। इस घटना से नाराज पत्रकारों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करार देते हुए विरोध का बिगुल फूंक दिया। रुड़की के सभी पत्रकार संगठनों ने इस घटना को बर्दाश्त न करने का फैसला लिया और एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए। नगर विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मार्च निकाला गया।
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विपक्षी दलों ने भी साधा भाजपा पर निशाना….पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी भाजपा पर हमलावर हो गए। कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा सरकार का तानाशाही रवैया बताते हुए कहा कि—“पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, लेकिन भाजपा सत्ता के नशे में इतनी चूर है कि अब उन्हें भी कुचलने पर उतारू हो गई है। पत्रकारों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “वहीं, अन्य राजनीतिक दलों ने भी पत्रकारों को समर्थन देते हुए इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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पत्रकार संगठनों का ऐलान— माफी नहीं, तो आंदोलन जारी रहेगा….!पत्रकार संगठनों ने साफ कर दिया है कि जब तक नगर विधायक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। कई पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि— “अगर आज हम चुप रह गए, तो कल लोकतंत्र में सच लिखने और बोलने की आजादी भी छिन जाएगी। पत्रकारों का सम्मान बहाल करने के लिए हमें सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी होगी। “खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी पत्रकारों के समर्थन में अपने फेसबुक पेज पर लिखा—”लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान निंदनीय है। इस घटना से रुड़की की जनता को निराशा हुई है।
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भारी पुलिस बल तैनात, माहौल गरम….इस प्रदर्शन को देखते हुए रुड़की और आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। हालात इतने गरम हुए कि पुलिस और प्रशासन को प्रदर्शनकारियों को समझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, पत्रकार इस मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं हैं।
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अब क्या होगा आगे…?नगर विधायक प्रदीप बत्रा के इस रवैये पर शहर के लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर विधायक जल्द ही सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो यह आंदोलन और तेज होगा।

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