
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: ज्वालापुर में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाकर सड़कों पर रौब झाड़ने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल के निर्देश पर ज्वालापुर पुलिस ने उस वाहन को रोका, जिस पर उत्तराखंड सरकार का फर्जी बोर्ड और लाल बत्ती चस्पा थी।
वाहन चालक खुद को मानवाधिकार का एम्बेसडर बताकर घूम रहा था, लेकिन जांच में उसका यह दावा खोखला निकला।
पुलिस ने तुरंत चालान काटकर फर्जी शान-ओ-शौकत का खेल खत्म कर दिया। यह कार्रवाई ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा के नेतृत्व में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान हुई।
पुलिस ने साफ कहा कि सरकारी चिन्ह, लाल बत्ती और विशेषाधिकार का दुरुपयोग सीधे कानून और व्यवस्था को चुनौती देने के बराबर है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसी अभियान में सड़कों को अखाड़ा समझकर पटाखा छोड़ती बुलेट दौड़ाने वालों पर भी पुलिस का शिकंजा कस गया। तेज आवाज से दहशत फैलाने वाली पटाखा बुलेट को मौके पर ही सीज कर दिया गया।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसी बुलेटें लोगों की जान के लिए खतरा हैं और ध्वनि प्रदूषण फैलाने के साथ दुर्घटनाओं को न्योता देती हैं।
पुलिस ने दो टूक संदेश दिया है कि चाहे फर्जी सरकारी पहचान हो या सड़कों पर स्टंटबाजी—अब रियायत खत्म। आने वाले दिनों में ज्वालापुर सहित पूरे क्षेत्र में चेकिंग और तेज की जाएगी और नियम तोड़ने वालों को सीधे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।



