पंच👊नामा ब्यूरो
देहरादून: चुनाव नतीजों को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही राजधानी में सियासी सरगर्मियां हर घंटे बढ़ रही हैं। भाजपा के दोबारा सरकार में वापसी कराने के लिए पिछले 2 दिन से उत्तराखंड में डेरा डाले पड़े राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मजबूत चुनाव लड़ने वाले तो निर्दलीय प्रत्याशियों से मुलाकात कर हलचल पैदा कर दी है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि वर्गीय बसपा के कुछ मजबूत प्रत्याशियों से भी हरिद्वार में मुलाकात कर सकते हैं। वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल के देवप्रयाग प्रत्याशी दिवाकर भट्ट के अचानक प्रेस कांफ्रेंस स्थगित कर दिल्ली रवाना होने के पीछे भी कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। भाजपा के इस किलेबंदी के बीच कांग्रेस ने अपने पर्यवेक्षक दीपेंद्र हुड्डा को उत्तराखंड भेजा है। हुड्डा एक होटल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि के साथ बैठक कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय को जोड़-तोड़ का माहिर माना जाता है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विजयवर्गीय को खासतौर पर उत्तराखंड भेजा है। विजय वर्गीय ने अपने अंदाज में इसका आगाज भी कर दिया है। दो मजबूत निर्दलीयों से उनकी मुलाकात हो चुकी है। सूत्र बता रहे हैं कि रविवार को वर्गीय की यमनोत्री के निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल और केदारनाथ के कुलदीप सिंह से मुलाकात की। बंद कमरे में यह मुलाकात काफी लंबी चली। माना जा रहा है कि अगर भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिला और दोनों निर्दलीय जीतने में कामयाब रहते हैं तो ऐसी स्थिति में भाजपा अभी भी उन्हें अपने पाले में लाने की जुगत में जुट गई है। भाजपा में इस तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं कि कैलाश विजयवर्गीय हरिद्वार के कुछ बसपा प्रत्याशियों से भी गुप्त मुलाकात करने की तैयारी में हैं।
हालांकि हरिद्वार में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे लक्सर प्रत्याशी मोहम्मद शहजाद पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर तेवर दिखा चुके हैं। इधर, यूकेडी के देवप्रयाग प्रत्याशी दिवाकर भट्ट सोमवार को ने दून में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी, लेकिन अचानक ही वे कार्यक्रम स्थगित कर दिल्ली रवाना हो गए हैं। इससे सियासत में गरमाहट बढ़ गई है। इन सारे घटनाक्रमों के बीच देहरादून में कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई है। जिसमें कांग्रेस की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक दीपेंद्र हुड्डा सरकार बनाने के लिए बहुमत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह आदि नेताओं से विचार विमर्श कर रहे हैं। देखने वाली बात यह है कि भाजपा-कांग्रेस की यह जद्दोजहद क्या रूप दिखाती है।