झंडा कुशाई से होगा कलियर उर्स का आगाज़, किसने और कब शुरू कराई यह रस्म…..
पिरान कलियर:- उर्स स्पेशल-1
पंच👊नामा- पिरान कलियर: अक़ीदत की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स का आगाज हो चुका है। बरेली शरीफ से साबरी झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचे अकीदतमंदों के जत्थे का सज्जादा परिवार व अकीदतमंदों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। आज बुधवार देर शाम उर्स की प्रथम रस्म झंडा कुशाई को सज्जादानशीन की सरपरस्ती में अदा किया जाएगा। इसके बाद चांद दिखाई देने पर मेंहदी डोरी की रस्म के साथ उर्स का विधिवत रूप से आगाज हो जाएगा।
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क्या है झंडा कुशाई की रस्म, कब से शुरू हुई…
दरगाह साबिर पाक के तत्कालीन सज्जादानशीन शाह मंसूर एज़ाज़ कुद्दुसी साबरी के समय मे झंडा परचम कुशाई की रस्म की शुरुआत की गई थी, उस दौर में पूर्व सज्जादानशीन मंसूर मियां ने बरेली शरीफ के अकीदतमंदों से झंडा लाने और पिरान कलियर दरगाह शरीफ में परचम कुशाई करने की इच्छा जाहिर की थी, तभी से बाबा जिलानी की अगुवाई में उनके अनुयायी बरेली शरीफ से झंडा लेकर पिरान कलियर आते है।
प्रथम रस्म मानी जाती है झंडा परचम कुशाई…
उर्स की शुरुआत में ही दरबार शरीफ के मुख्य द्वार पर झंडा परमच कुशाई की रस्म अदा की जाती है। हालांकि चांद दिखाई देने पर मेहदी डोरी की रस्म से उर्स का विधिवत शुभारंभ होता है, कोविड प्रोटोकॉल के कारण इस बार चन्द लोग ही झंडा लेकर पिरान कलियर पहुंचे।
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नवनियुक्त सज्जादानशीन के नेतृत्व में होगी रस्म अदायगी..
करीब पांच माह पूर्व दरगाह के सज्जादानशीन शाह मंसूर मियां के विसाल के बाद नवनियुक्त सज्जादानशीन शाह अली एज़ाज़ साबरी इस बार उर्स में तमाम रस्मो की अदायगी करेंगे। उर्स की प्रथम रस्म झंडा परचम कुसाई से लेकर मेंहदी डोरी, कुल शरीफ, गुशल शरीफ, दुआं ख़ैर आदि अदा कराएंगे।