धर्म-कर्महरिद्वार

ख्वाजा के दरबार से साबिर पाक के अंगना पहुँचे ख़ादिम हजरात…

नवनियुक्त सज्जादानशीन की दस्तारबंदी कर पेश की मुबारकबाद...

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नवनियुक्त सज्जादानशीन की दस्तारबंदी करते ख़ादिम सैय्यद खुशतर चिश्ती अजमेरी….
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पंच👊नामा…पिरान कलियर: हिन्द के राजा ख़्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से पिरान कलियर स्थित हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स में शिरकत करने आए ख़ादिम हजरात ने दरगाह के नवनियुक्त सज्जादानशीन की दस्तारबंदी कर मुबारकबाद पेश की, इस दौरान सज्जादानशीन का फूल मालाओं से खैरमकदम किया गया, सज्जादानशीन ने भी मेहमाने ख़ुसूसी का आभार व्यक्त करते हुए उर्स की मुबारकबाद दी।


सूफ़िसन्तो की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक का सालाना उर्स पूरे शबाब पर है, उर्स में फैजियाब होने दूर-दराज से अकीदतमंद पिरान कलियर पहुँच रहे है।

उर्स में शामिल होने आए हिन्द के राजा ख़्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह से ख़ादिम सैय्यद खुशतर चिश्ती, सैय्यद मुखलिस चिश्ती, सैय्यद हयात चिश्ती, सैय्यद शाहनवाज चिश्ती पिरान कलियर पहुँचे, जहां सभी ने दरगाह साबिर पाक में हाजिरी की और दरगाह के नवनियुक्त सज्जादानशीन शाह अली मंजर एज़ाज़ कुद्दुसी साबरी की दस्तारबंदी की। इस दौरान सज्जादानशीन का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया इसके बाद सज्जादानशीन ने भी सभी साबरी मेहमानों का गर्मजोशी के साथ खैरमकदम किया।

दरगाह साबिर पाक के नवनियुक्त सज्जादानशीन शाह अली मंजर एजाज कुद्दुसी साबरी:- फोटो पंच👊नामा…

गौरतलब है कि कोविड काल के दौरान दरगाह के 17 वे सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज कुद्दुसी साबरी का निधन (इंतेक़ाल) हो गया था, जिसके बाद दरगाह के 18 वे सज्जादानशीन के रूप में शाह अली मंजर एज़ाज़ साबरी को नियुक्त किया गया था, खानकाही परंपरा के मुताबिक़ नवनियुक्त सज्जादानशीन की दस्तारबंदी कोविड काल मे ही कि गई थी जिसके चलते कुछ खानकाहों से सूफी हजरात नही पहुँच सके थे, लेकिन अब साबिर पाक के सालाना उर्स में शामिल होने आरहे तमाम सूफिया-इकराम नवनियुक्त सज्जादानशीन की दस्तारबंदी कर अपनी सनद पेश कर रहे है।


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ख़्वाजा गरीब नवाज के ख़ादिम साबिर पाक में रखते है गहरी आस्था….

चिश्तिया सिलसिले से ताल्लुक रखने वाले दरगाह ख़्वाजा गरीब नवाज के ख़ादिम साबिर पाक में अपनी गहरी आस्था रखते है, साबिर पाक के उर्स की तमाम रसुमात में ये ख़ादिम शामिल होकर फैजियाब होते है।

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