अक़ीदत के साथ मनाई गई ख्वाजा गरीब नवाज़ की विलादत, लंगर और महफ़िल का हुआ आयोजन..
पीलीभीत दरगाह के गद्दीनशीन सैय्यद बिलाल मियां ने कराई दुआ..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: हिन्द के राजा हजरत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज (रह.) के जश्न ए विलादत पर ज्वालापुर स्थित ख़ानक़ाह साबरिया सकलैनिया पर पीलीभीत दरगाह के गद्दीनशीन सैय्यद।डा. बिलाल मियां की सरपरस्ती में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें फातिहा ख्वानी, लंगर और महफ़िल ए समा मुनक़्क़ीद की गई। मशहूर कव्वाल सरफ़राज़ अनवर साबरी ने देर रात तक सूफियाना कलाम पेश कर अकीदतमंदों को झूमने पर मजबूर कर दिया। बाद महफ़िल सैय्यद डॉ. बिलाल मियां ने मुल्क में अमनो सलामती की दुआ कराई। शुक्रवार को ज्वालापुर के मोहल्ला कस्साबान खानकाह साबरिया सकलैनिया पर जश्न ए विलादत ख़्वाजा गरीब नवाज़ अकीदत और मोहब्बत के साथ मनाया गया। इस दौरान फातिहा ख्वानी, लंगर नियाज़ और महफ़िल ए समा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की सरपरस्ती पीलीभीत से आए सैय्यद डॉ. बिलाल मियां ने की। उन्होंने बताया 14 रजब का दिन ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज की विलादत का दिन है। इसी लिए इस दिन को अकीदतमंद लोग अक़ीदत के साथ मनाते है। सैय्यद डॉ. बिलाल मियां ने बताया ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म ईरान के इस्फ़हान नगर में हुआ था। अपने पिरोमुर्शीद ख्वाजा उस्मानी हरूनी से रूहानी तालीम हासिल करने जे बाद आप हिंदुस्तान तशरीफ़ लाए और दीन का प्रचार प्रसार किया। ख्वाजा गरीब नवाज ने चिश्तिया सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए गरीब जरूरतमंदो की मदद की इसलिए उन्हें गरीब नवाज कहा जाता है। सूफी राशिद अली साबरी व मुनव्वर अली साबरी ने बताया देशभर में ख्वाजा गरीब नवाज की विलादत पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते है, लंगर के अहतेमाम के साथ ख्वाजा गरीब नवाज की महफ़िल सजाई जाती है। हाजी शादाब साबरी ने बताया आज मुल्क में इस्लाम मजहब का जो परचम बुलंद है इसमे बुजुर्गाने दिन औलिया इकराम की कड़ी मेहनत है। ख्वाजा गरीब नवाज में अपने चंद साथियों के साथ भारत आकर मजहब ए इस्लाम का प्रचार किया जिसकी बदौलत मुल्क ए हिंदुस्तान में इस्लाम का परचम बुलंद हुआ। हाजी गुलशाद सिद्दीकी व कुँवर शाहिद ने बताया हिंदुस्तान में ख्वाजा गरीब नवाज का बड़ा दरबार है जहां से सब अपनी झोलियां भरते है। ख्वाजा गरीब नवाज की मुहब्बत में मुनक़्क़ीद किए गए कार्यक्रम में शिरकत करके उन्हें दिली सुकून मिला, सूफियाना कलाम सुनकर बुजुर्गाने दिन से दिल मुनव्वर हो गया। कार्यक्रम में आए मशहूर कव्वाल सरफराज अनवर साबरी ने देर रात तक सूफियाना कलाम पढ़े, जिसने अकीदतमंदों को झूमने पर मजबूर कर दिया। देर रात दुआएं खैर के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर आलम सैफी, रियाज कुरैशी, सरफराज साबरी, नियाज़ी अली, फैसल खान उर्फ मोंटू, प्रवेज़ आलम, हारून खान, कल्लू भाई, इमरान कुरैशी, मुख्तियार आदि शामिल रहे।