अपराधहरिद्वार

“कोर्ट की साख से खिलवाड़: न्यायालय की मोहर और हस्ताक्षर की नकल कर ब्लैकलिस्ट वाहनों को दिलाया छुटकारा, पीआरडी जवान पर केस दर्ज..

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पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: न्यायिक मजिस्ट्रेट के नाम, पदनाम, मोहर और हस्ताक्षर की कूटरचना कर फर्जी चालान रसीद तैयार करने और उसके जरिए वाहनों को ब्लैकलिस्ट से हटाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।जांच में यह फर्जीवाड़ा न्यायालय में तैनात पीआरडी कर्मी आरिफ द्वारा किया जाना पाया गया। कोर्ट के आदेश पर सिडकुल थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामला 13 जून का है। न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय, हरिद्वार से जुड़ी रसीद संख्या 378017 पर न्यायालय की मोहर व हस्ताक्षर अंकित दिखे। जब इस रसीद को कोर्ट रिकॉर्ड से मिलाया गया तो पता चला कि ना तो यह रसीद बुक कभी कोर्ट को जारी हुई थी और न ही उस दिन कोई ऐसी रसीद जारी की गई थी।
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वरिष्ठ लिपिक की सतर्कता से फर्जीवाड़े का भंडाफोड़…..न्यायालय के वरिष्ठ लिपिक कृष्णपाल ने इस रसीद की सत्यता को लेकर संदेह जताया और दस्तावेजों की गहराई से जांच की। जांच में सामने आया कि रसीद पूरी तरह फर्जी है और अदालत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है। वरिष्ठ लिपिक की ओर से इस संबंध में थाना सिडकुल में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई।
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न्यायालय ने आरटीओ को किया अलर्ट….मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय की ओर से आरटीओ हरिद्वार को पत्र भेजा गया, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि कोर्ट के विधिवत आदेश के बिना किसी भी वाहन को ब्लैकलिस्ट से हटाने की प्रक्रिया न की जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह के फर्जी दस्तावेज भविष्य में न्यायिक प्रणाली की साख को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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पीआरडी जवान ने बनाई चालाकी की स्क्रिप्ट…..जांच में सामने आया कि यह फर्जीवाड़ा न्यायालय में तैनात पीआरडी कर्मी आरिफ द्वारा किया गया। आरोप है कि उसने कोर्ट की मोहर, अधिकारी के हस्ताक्षर और पदनाम का गलत इस्तेमाल कर फर्जी चालान रसीद तैयार की, जिसकी आड़ में कई वाहन छोड़े गए।
—————————————-इंस्पेक्टर सिडकुल मनोहर भंडारी ने बताया कि आरोपी पीआरडी जवान आरिफ के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और यदि इसमें अन्य की भी संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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