पंच👊नामा ब्यूरो
हरिद्वार: यूं तो पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ कर उन्हें जेल भेजना है, लेकिन अगर पुलिस ही घटनाओं को दबाने और छिपाने लग जाए तो अपराधियों के लिए पुलिस से बड़ा मददगार कौन हो सकता है। रानीपुर पुलिस आजकल इसी रास्ते पर चल पड़ी है। शिवालिक नगर में लाखों की चोरी का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मौका मुआयना किया, घटना की जानकारी भी ली, यहां तक की फोटो और वीडियोग्राफी भी जमकर की। लेकिन एफआईआर दर्ज करने की जहमत नहीं की। तीन दिन से पुलिस लाखों की चोरी का यह मामला दबाए पड़ी है। इस घटना के अलावा चेन स्नैचिंग का एक मामला भी गुपचुप तरीके से रफा-दफा करने की चर्चाएं क्षेत्र में जोरों पर है। सवाल यह है कि क्या घटनाओं को दबाकर पुलिस अब अपराध पर नियंत्रण करेगी..??
शिवालिक नगर निवासी कृष्ण कुमार गाजियाबाद में बिजनेस करते हैं। फ्रैक्चर होने के चलते इन दिनों वह अपने घर पर शिवालिक नगर में रह रहे हैं। 4 मई की रात में खिड़की की जाली काटकर चोर उनके घर में घुस गए और एक कमरे की अलमारी से सोने की चूड़ी, झुमके और कंगन समेत करीब 20 तोला सोना समेटकर फरार हो गए। परिवार जब अगली सुबह जागा तो घटना का पता चला। उन्होंने फौरन ही पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी। जिसके बाद रानीपुर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी जुटाई। पीड़ित परिवार ने इस्पेक्टर रानीपुर अमर चंद शर्मा को पूरी घटना बताई और लिखित तहरीर भी दी, लेकिन पुलिस 3 दिन बाद भी मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है। इन हालात में आम जनता की आफत और खुले घूमने वाले चोरों की चांदी कटनी तय है। वहीं, इस घटना के अलावा चेन स्नेचिंग की घटना में भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। चेन लूट और चोरी जैसी गंभीर घटनाओं को लेकर रानीपुर पुलिस का यह रवैया मित्रता-सेवा-सुरक्षा के उत्तराखंड पुलिस के ध्येय वाक्य पर बट्टा लगा रहा है। वहीं पुलिस कप्तान डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अभी तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई, इस बारे में जानकारी ली जाएगी। तत्काल मुकदमा दर्ज कर चोर और स्नेचरों की तलाश की जाएगी।