हरिद्वार

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर भीख मांगने वाली हंसी की मौत, अंतिम संस्कार को भी नहीं आया परिवार, भोला शर्मा ने कायम की मिसाल..

डबल एमए पास होने के बावजूद मांगनी पड़ी भीख, पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने किया था मदद का वादा, अब बेटा हुआ असहाय, भोला की चौतरफा सराहना..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: धर्मनगरी की सड़कों पर भीख मांगते हुए फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाली हंसी प्रहरी की अस्पताल में मौत हो गई।

फाइल फोटो

जीवन भर दुश्वारियां झेलने वाली हंसी प्रहरी के दुर्भाग्य ने मरने के बाद भी उसका साथ नहीं छोड़ा। हालात का शिकार हंसी से उसके जीवन काल में ही हाथ छुड़ाने वाले परिवार का दिल उसकी मौत होने पर भी नहीं पसीजा, परिवार का कोई सदस्य उसके अंतिम संस्कार तक के लिए हरिद्वार नहीं आ सका। ये तो भला हो युवा भाजपा नेता और समाजसेवी भोला शर्मा का, उसने पहले हंसी को जिला अस्पताल में भर्ती कराते हुए प्राण बचाने की हर संभव कोशिश की। मौत होने पर भोला ने ही हंसी का अंतिम संस्कार भी कराया। फिलहाल बेटे की देखरेख भी खुद भोला शर्मा कर रहे हैं।कुमाऊं विश्वविद्यालय से अंग्रेजी और राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल करने वाली हंसी मूलरूप से अल्मोड़ा के रणखिला गांव की निवासी थी। उसने 2003 में परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर लखनऊ निवासी नन्हे लाल से विवाह किया था। ससुराल के कलह से परेशान होकर साल 2008 में हरिद्वार आ गई।

फाइल फोटो

साल 2012 के बाद से अपना और बेटे का पेट पालने के लिए भीख मांगकर गुजारा करने लगी। उसकी एक बेटी अपनी नानी के साथ रहती है। पिछले दिनों मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य हंसी से मिलने के लिए हरिद्वार पहुंची थी।

फाइल फोटो

सरकार व कई संगठनों ने हंसी की मदद का वादा भी किया, लेकिन वादों पर अमल न होने के कारण हंसी के हालात नहीं बदली। चार पांच दिन पहले तबियत बिगड़ने पर समाजसेवी व भाजपा नेता भोला शर्मा ने हंसी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

फाइल फोटो

इलाज के दौरान मौत होने पर भोला शर्मा ने हंसी के परिवार से संपर्क साधा। भोला ने बताया कि हंसी के परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार आने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद भोला को ही हंसी के अंतिम संस्कार के लिए आगे आना पड़ा। भोला ने शव को कनखल शमशान घाट ले जाकर विधि विधान से हंसी के बेटे के हाथ से उसका अंतिम संस्कार कराते हुए मिसाल कायम की है। हंसी के बेटे की देखरेख भी फिलहाल भोला कर रहे हैं।

फाइल फोटो

भोला शर्मा के इस नेक कार्य की चारों तरफ सराहना हो रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने भोला शर्मा को शाबाशी देते हुए कहा कि दूसरों की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है।
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दूसरों के लिए हमेशा किया संघर्ष…
हरिद्वार: कई साल तक हरिद्वार में भीख मांगकर गुजारा करने वाली हंसी-प्रहरी छात्र जीवन में एसएसजे परिसर में काफी लोकप्रिय छात्रनेता थी। वह परिसर में निर्विरोध छात्रा उपाध्यक्ष भी चुनी गईं थी। गरीब विद्यार्थियों और महिला हितों के लिए लगातार संघर्षरत रहीं। वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं बोलती थी। हंसी की छोटी बहन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। जबकि भाई दिल्ली में नौकरी करता है। वर्ष 2004 में हंसी की पुत्री हुई। पालने में असमर्थता जताकर हंसी ने उसे मायके में छोड़ दिया था। वह नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत में पढ़ती है।

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