पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: राष्ट्रीय स्तर पर युवा और बुज़ुर्ग कांग्रेसियों के घमासान का मैदान बनी कांग्रेस ने पार्टी के वट वृक्ष रहे पंडित नारायण दत्त तिवारी को भुला दिया। सोमवार को जन्मदिवस और पुण्यतिथि पर एनडी तिवारी किसी को याद नहीं आये। अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों पर विरोध, प्रदर्शन व बैठक कर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले कांग्रेसी नेता व टिकट के दावेदार एनडी के लिए दो शब्द जारी नहीं कर पाए। न तो बुज़ुर्ग और न युवा कांग्रेसी पूरे शहर में एक अदद श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर सके। कांग्रेस सेवादल, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई तो दूर मेन बॉडी को भी एनडी की याद नहीं आई। चुनाव की तैयारियों के बीच संगठन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पंडित नारायण दत्त तिवारी कांग्रेस के ऐसे इकलौते नेता रहे हैं, जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसलिए उन्हें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में जाना और पहचाना जाता है। अलग राज्य बनने के बाद वह कांग्रेस के पहले मुख्यमंत्री रहे। राज्य में सिडकुल सहित औद्योगिक विकास नारायण दत्त तिवारी की देन है। उन्होंने अलग राज्य बनने के बाद भी कांग्रेस को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन हैरानी की बात है कि कांग्रेस ने अपने विकास पुरुष को ही भुला दिया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को हरिद्वार में कांग्रेस ने एक अदद श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं किया। कुछ नेताओं ने फेसबुक पर एनडी तिवारी की फोटो डालकर नमन करते हुए खानापूर्ति कर डाली। मगर संगठन की ओर से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। जबकि इन दिनों कांग्रेस नेता न सिर्फ चुनावी अखाड़े में कूदने के लिए आस्तीन चढ़ाए फिर रहे हैं, बल्कि सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं। धरातल पर हालात यह हैं कि संगठित होकर चुनाव लड़ना तो दूर, कांग्रेसी अपने महापुरुषों को याद करने की जहमत उठाने को भी तैयार नहीं हैं।
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