ट्रेन में पंजाब के यात्री की हत्या करने वाले को उम्रकैद, जीआरपी ने वादी बनकर दिलाई सजा..
अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाया फैसला, योगा एक्सप्रेस में लहुलुहान मिला था यात्री..

पंच👊नामा-ब्यूरो
दिनेश वर्मा एडवोकेट, हरिद्वार: योगा एक्सप्रेस में पंजाब के एक अधेड़ यात्री की चाकू से गोदकर हत्या करने वाले अभियुक्त को उत्तराखंड जीआरपी ने आखिरकार उसके अंजाम तक पहुंचा दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अंजुश्री जुयाल ने आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

दरअसल, ट्रेन में हुए ब्लाइंड मर्डर केस में जीआरपी ने खुद वादी बनकर न सिर्फ जांच की, बल्कि कोर्ट में मजबूत पैरवी करते हुए सजा दिलाई।

शासकीय अधिवक्ता सुकरमपाल सिंह ने बताया कि 17 अगस्त 2021 को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंची योगा एक्सप्रेस के कोच नम्बर एस-चार में एक यात्री लहूलुहान अवस्था में पड़ा मिला था। ट्रेन में सवार एक अन्य यात्री संजीव कुमार ने जीआरपी थाने में सूचना दी।

जिस पर उपनिरीक्षक विनोद कुमार अपने सहकर्मी कांस्टेबल हरेंद्र को लेकर रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के डिब्बे में पहुंचे। जहां एक यात्री लहूलुहान अवस्था में मिला था। एम्स सेंटर रेफर कर दिया गया था। जेब से मिली वोटर आईडी से उसकी पहचान रोशनलाल निवासी सतजोत नगर ग्राम ढंढेरा लुधियाना कैंट लुधियाना पंजाब के रूप में हुई थी। जिस संबंध में मुकदमा उप निरीक्षक विनोद कुमार की तरफ से दर्ज कराया गया था।

पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर नशे की हालत में घूमते हुए आरोपी सोनू शर्मा निवासी राजीवनगर बांके बिहारी रोड थाना बेगमपुर दिल्ली को पकड़ा था। डीएनए सैंपल की जांच में आरोपी के कपड़ों व मृतक की चप्पल पर एक ही व्यक्ति का ब्लड सैम्पल पाया गया था। पुलिस ने हत्यारोपित की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया था। मामले से संबंधित मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने सोनू वर्मा दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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“कप्तान अजय गणपति ने थपथपाई पीठ……

ब्लाइंड मर्डर केस में मृतक का कोई परिजन सामने नहीं था। तब जीआरपी की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया। आला अधिकारियों के निर्देश पर जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह ने खुद इस मामले की जांच की। हत्या करने वाले सोनू शर्मा निवासी राजीवनगर बांके बिहारी रोड थाना बेगमपुर दिल्ली को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश किया गया था।

पुलिस की ओर से पेश किए गए ठोस सबूतों और केस की मजबूत पैरवी के फलस्वरूप अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) की अदालत ने सोनू शर्मा को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोप को सजा दिलाने में थानाध्यक्ष और विवेचक अनुज सिंह, कांस्टेबल पैरोकार विनोद कुमार की अहम भूमिका रही।

उत्तराखंड जीआरपी के कप्तान अजय गणपति ने थानाध्यक्ष अनुज सिंह की पीठ थपथपाते हुए कहा कि पुलिस का उद्देश्य पीड़ित को न्याय और मुजरिम को सजा दिलाना है। इस काम में विवेचक की भूमिका अहम होती है। उन्होंने अन्य पुलिसकर्मियों को इसी उद्देश्य से जांच करने के निर्देंश दिए।