सुबह लाइन हाजिर, शाम को बहाल हुए कोतवाल और एसएसआई..
फ्रंटफुट कार्रवाई और बैकफुट आदेश के बाद और ज़्यादा हाईप्रोफाइल हुआ मामला, नामजद आरोपी ने भी लगाए आरोप..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: अस्पताल मालिक और भाजपा कार्यकर्ता के बीच विवाद में लाइन हाजिर किए गए ज्वालापुर कोतवाल रमेश तनवार और एसएसआई राजेश बिष्ट को दिन ढलने से पहले बहाल कर दिया गया।

सुबह तबादला आदेश जारी होने के बाद शुक्रवार शाम एसएसपी ने तबादला आदेश निरस्त करने के आदेश जारी किए। लेकिन फ्रंटफुट कार्रवाई और बैकफुट आदेश के बाद यह प्रकरण अब और ज्यादा हाई प्रोफाइल हो गया है। अब हर कोई जानना चाहता है कि पूरा विवाद क्या है और कार्रवाई के बाद बहाल होने के पीछे कारण क्या है। इधर, मुकदमे में नामजद किए गए आरटीआई कार्यकर्ता व भाजपा नेता सचिन चौधरी ने अस्पताल संचालक के साथ-साथ पुलिस पर आरोप लगाए हैं।

सचिन का आरोप है कि पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को 13 फरवरी को पत्र भेजा था, जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

देवभूमि अस्पताल के संचालक डॉ सुशील शर्मा ने कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके अस्पताल में मरीजों का उचित मूल्य में इलाज किया जाता है। राज्य सरकार की योजना आयुष्मान के कार्डधारक मरीजों का इलाज भी अस्पताल में किया जाता है।

आरोप लगाया कि खन्नानगर कालोनी निवासी सचिन चौधरी सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार उनके असपताल की छवि खराब कर रहा है और अस्पताल संबंधी पोस्ट को आमजन के सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड कर वॉयरल कर रहा है। आरोप है कि अपलोड की गई पोस्ट पर लगातार टिप्पणी की जा रही है। आरोप है कि उन्हें इस कारण मानसिक व सामाजिक ठेस पहुंची है और सचिन चौधरी ने रकम की मांग भी की।
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आरटीआई कार्यकर्ता सचिन चौधरी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने एक अस्पताल के निर्माण और लाईसेंस के संबंध में संबंधित विभाग में शिकायत की हुई है, उसी शिकायत के तहत उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन पर दबाव बनाने के लिए ही यह मुकदमा दर्ज कराया है।

पुलिस की जांच में हकीकत सामने आ जाएगी। आरोप लगाया कि एक माह पूर्व उन पर इसी प्रकरण के चलते हमला भी कराया गया था। सचिन ने बताया कि अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, राजनितिक व एक संत भी इसमे उनकी सहायता कर रहा है। आरोप लगाया कि 28 जनवरी को सुशील शर्मा के कहने पर मेरे ऊपर 4 लोगो से हमला भी कराया गया जिसकी तहरीर हरिद्वार कोतवाली मे 29 को दे दी थी