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हरिद्वार में शराब, स्मैक बिक रहा दिन-रात, तो चुनाव में क्यों ना हो नशे की बात..

स्मैक से अनगिनत घर तबाह, तमाम परिवार बरबाद : शहर में लगातार पकड़ी जा रही शराब की खेप..

पंच👊नामा
सुल्तान, हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में यूं तो नशा प्रतिबंधित है। लेकिन हकीकत क्या है, शहर के लोग इस से बखूबी वाकिफ हैं। शहर में शायद ही ऐसा कोई इलाका हो जहां शराब व स्मैक ना मिलती हो। नई पीढ़ी नशे के दलदल में फंसने से अनगिनत घर तबाह हो चुके हैं। घरों के चिराग बुझने से सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गए हैं और हजारों बर्बादी की कगार पर खड़े हैं। दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक किसी भी तरह का नशा “होम डिलीवरी की सुविधा के साथ उपलब्ध है।

फाइल फोटो

इतना ही नहीं कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जब लोग खाने पीने के सामान को तरस रहे थे, उस दौरान भी हरिद्वार में शराब और स्मैक का धंधा बराबर चालू रहा। सामाजिक बुराई के साथ-साथ हरिद्वार में नशा एक नासूर बन चुका है। ऐसे में सवाल यह है कि चुनाव में क्यों ना नशे का मुद्दा उठा। हालात यह है कि 13-14 साल की उम्र से लेकर 25-26 साल तक के युवा बहुत तेजी के साथ नशे की गिरफ्त में जकड़ रहे हैं।

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स्कूल में पढ़ने वाले छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं। कई घर ऐसे भी हैं जिनमें इकलौता बेटा नशे के दलदल में फंसकर इस दुनिया से चला गया। अब इस परिवार का भगवान ही मालिक है। जबकि ऐसे परिवारों की संख्या सैकड़ों में है, जो बेटों के स्मैक की लत लगने से परेशान हैं। उनका वर्तमान और भविष्य सब चौपट हो चुका है। समस्या एक दो परिवारों के नहीं बल्कि हजारों घरों से संबंधित है, फिर भला हरिद्वार के लिए नशा इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा क्यों नहीं होना चाहिए।

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कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार के विकास और तीर्थनगरी की मर्यादा के साथ-साथ प्रमुख तौर पर नशे के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं। उनका कहना है कि हरिद्वार का भविष्य बचाने के लिए नशे को जड़ से खत्म करना होगा। यह तभी संभव होगा जब शहर के लोग मिलकर नशे पर चोट करेंगे। सतपाल ब्रह्मचारी कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले नशे का खात्मा करना है।
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जनता के बीच से उठा रही नशा मुक्ति की आवाज……
हरिद्वार: धर्मनगरी में नशा जिन परिवार को बर्बाद कर चुका है, उनके साथ-साथ आसपास के लोग भी नशा मुक्ति की आवाज पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं। यह अलग बात है कि शहर के कुछ कद्दावर नेताओं के लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं है। कुछ दिन पहले गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ और पार्षद अनुज सिंह ने मिलकर क्षेत्र के कई इलाकों में युवाओं की बैठकें की और नशे के प्रति जागरूक करते हुए निर्णायक लड़ाई लड़ने का संकल्प दिलाया। जबकि ज्वालापुर में सरफराज खान ने पिछले महीने ही नशा मुक्ति की मुहिम शुरू करते हुए क्षेत्र के युवाओं को अपने साथ जोड़ा है।

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कुछ दिन पहले बजरंग दल के जिला संयोजक मनीष चौहान ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर शहर के हजारों लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया। उससे पहले उत्तरी हरिद्वार के युवाओं ने गंगा में खड़े होकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। जबकि दर्जनों बार अलग-अलग संस्थाओं ने हरिद्वार शहर कोतवाली पहुंचकर पुलिस को तहरीरें दी हैं।
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फाइल फोटो

भाजपा नेता के फ्लैट से पकड़ी गई शराब…..
हरिद्वार: चुनावी मौसम में पुलिस लगातार शराब की खेप पकड़ रही है। हद तो तब हो गई जब 4 दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी और उनके समर्थकों ने कनखल में भाजपा नेता दिनेश कालरा के फ्लैट से शराब का जखीरा पकड़ लिया। पुलिस को मजबूरन भाजपा नेता सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार करना पड़ा। यह अलग बात है कि भाजपा नेता को 41 सीआरपीसी का नोटिस देकर छोड़ दिया गया। शराब के धंधे में सत्ताधारी के संरक्षण के आरोप यदा-कदा लगते आए हैं। लेकिन भाजपा नेता के फ्लैट से शराब बरामद होना और गिरफ्तार होने से इन आरोपों की सच्चाई खुलकर सामने आ गई। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले स्कूटी से शराब तस्करी करते गिरफ्तार हुई एक महिला तस्कर भी कथित पार्टी की कार्यकर्ता और एक माननीय की करीबी निकली थी।
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एक ही दिन पकड़ी गई शराब की 88 पेटियां…
हरिद्वार: धर्मनगरी में चुनाव के दौरान कितने बड़े पैमाने पर शराब का इस्तेमाल होने जा रहा है, इसकी बानगी पुलिस की कार्रवाई से आसानी से समझी जा सकती है। हद यह है कि अब झाड़ियों तक से शराब के जखीरे मिल रहे हैं।हरिद्वार शहर कोतवाली की पुलिस ने हिलबाईपास मार्ग पर झाड़ियों से 28 पेटी देशी शराब बरामद की। इसके बगल में ही घनी आबादी वाली बस्ती है। माना जा रहा है कि शराब यहां बस्ती में बंटवाने के लिए मंगाई थी।


रानीपुर पुलिस ने भेल सेक्टर एक में पीठ बाजार के पास भेल की खाली भूमि पर बनाए गए अवैध गोदाम से हरियाणा ब्रांड की 29 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया। इस शराब की खपत टिबड़ी के आस पास होनी थी। तीसरी खेप बैरागी कैंप से मिली।


यहां भी 21 पेटी देशी और 10 पेटी अंग्रेजी शराब झाड़ियों में छिपाकर रखी गई थी। पुलिस को पता चला है कि किसी भी समय यह शराब घर-घर बांटी जानी थी।

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