पंच👊नामा
राहत अंसारी:-हरिद्वार: इंतजार की घड़ी खत्म होने को है। आखिरकार कांग्रेसी प्रत्याशियों की पहली सूची आज जारी करने जा रही है। लेकिन इसी के साथ कई सीटों पर बगावत की सुगबुगाहट भी सुनाई दे रही है। दरअसल, कांग्रेस में 70 विधानसभा सीटों के लिए 482 नेताओं ने टिकट के लिए दावा किया है। यानि एक सीट पर सात दावेदार। हालांकि 40 सीटों पर एक-एक नाम की सहमति बन चुकी है। लेकिन 30 सीटें ऐसी हैं, जिन पर पार्टी के मजबूत नेता दावेदार है। पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की ओर से इन 30 सीटों पर अपने अपने समर्थक नेता के रूप में 60 लोगों के नाम हाईकमान को दिए हैं। मजेदार बात यह है कि यह 60 के 60 लोग ना सिर्फ खुद का टिकट फाइनल मान रहे हैं। बल्कि जोर शोर से प्रचार प्रसार में भी जुटे हुए हैं। जनपद हरिद्वार में शहर विधानसभा में पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के अलावा आलोक शर्मा अनिल भास्कर अशोक शर्मा रवीश भतीजा सहित कई चेहरे दावेदार है। ज्वालापुर सीट से एसपी सिंह इंजीनियर, भूप सिंह, प्रियव्रत, सनातन, रोशन लाल, विशाल राठौर, दिनेश दुबे, रजनी राठौर समेत एक दर्जन से ज्यादा टिकट के दावेदार खम ठोके हुए हैं। रानीपुर सीट पर राजवीर सिंह चौहान, संजय पालीवाल, तेलू राम, महेश प्रताप सिंह राणा वरुण बालियान संजीव चौधरी जैसे नाम टिकट की दौड़ में शामिल हैं। लक्सर सीट पर हाजी तस्लीम, राजेश रस्तोगी, ताहिर हसन, साहब सिंह सैनी के बीच मुकाबला है। इन सीटों के अलावा हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अनुपमा रावत हनीफ अंसारी एडवोकेट राजीव चौधरी गुरजीत लहरी आदि टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। हालांकि अनुपमा का टिकट यहां से फाइनल माना जा रहा है। इन सीटों पर कई दावेदार ऐसे हैं, जो टिकट न मिलने पर बागी होकर चुनाव मैदान में ताल ठोकने से भी परहेज नहीं करेंगे। ऐसे में यह तय है कि इन सीटों पर कांग्रेस को अपने भाइयों से ही चुनौती झेलनी पड़ेगी। गंभीर बात यह है कि पिछले चुनाव में 10 से ज्यादा सीटें कांग्रेस को बगावत की वजह से भी गवांनी पड़ी थी। बहरहाल, बुधवार को होने जा रही केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर विचार विमर्श किया जाना है। माना जा रहा है कि कॉन्ग्रेस एक कैंडीडेट वाली सर्वसहमति वाली सीटों की पहली लिस्ट बुधवार शाम तक जारी कर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया कि राज्य की सभी सीटों का ब्योरा सीईसी को सौंपा जा चुका है। सीईसी इन पर मंथन कर अंतिम निर्णय लेगी।