
पंच👊नामा-ब्यूरो
देहरादून: मंडी में आढ़त का लाइसेंस देने की एवज में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। विजिलेंस टीम ने काशीपुर प्रभारी मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने फल मंडी में दो दुकानों के लाइसेंस आवंटन के एवज में यह रकम मांगी थी। सर्वारखेड़ा निवासी आढ़ती सफायत और शकील ने लगभग आठ दिन पहले दो लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि सचिव ने प्रति दुकान 60 हजार रुपये की मांग की। दोनों ने डायल 1064 पर इसकी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद विजिलेंस ने पांच दिन तक जांच कर ट्रैप की योजना बनाई।
मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे विजिलेंस टीम ने मंडी सचिव कार्यालय में छापा मारा। शिकायतकर्ता आढ़तियों ने जैसे ही पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये सौंपे, टीम ने उन्हें रंगेहाथ धर लिया। खबर लिखे जाने तक मंडी सचिव के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई जारी थी।
बीस साल से काशीपुर में तैनाती, जल्द होने वाले थे रिटायर पूरन सिंह सैनी वर्तमान में मंडी सचिव आशा गोस्वामी के अवकाश पर होने के कारण प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। विभागीय सूत्रों के अनुसार, वह लगभग 20 वर्षों से काशीपुर मंडी में तैनात हैं और महज आठ महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।
सुबह सम्मानित, शाम को गिरफ्तार: स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार सुबह एक सामाजिक संगठन ने पूरन सिंह सैनी को सम्मानित किया था। शाम होते-होते वही अधिकारी रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हत्थे चढ़ गए।
रिकॉर्ड खंगाले, घर की भी तलाशी: विजिलेंस की कार्रवाई पांच घंटे से अधिक चली। इस दौरान मंडी में पूर्व में हुए दुकानों के आवंटन और लाइसेंस प्रक्रिया से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले गए। टीम ने सचिव के आवास की भी तलाशी ली। प्राथमिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि मंडी में लंबे समय से लाइसेंस देने की प्रक्रिया में घूस ली जा रही थी।