हरिद्वार में UCC का असर: विवाह से लेकर लिव-इन तक 6035 प्रमाणपत्र जारी..
जिलाधिकारी ने दिए समयबद्ध निस्तारण के निर्देश, लिव इन रिलेशनशिप के 9 आवेदन, पंजीकरण न कराने पर बढ़ेगा शुल्क..

पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: जनपद हरिद्वार में समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में UCC के अन्तर्गत संचालित कार्यों की गहन समीक्षा की और सम्बंधित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी निबन्धकों और उप निबन्धकों को निर्देशित करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता के अन्तर्गत प्राप्त सभी आवेदन पत्रों का समयबद्ध एवं निष्पक्ष निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक को न तो गलत प्रमाणपत्र जारी किया जाए और न ही सही आवेदन को गलत तरीके से निरस्त किया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि आवेदन पत्रों में संलग्न सभी अभिलेखों का पूर्ण परीक्षण किया जाए और पात्र नागरिकों को अधिकतम सुविधा एवं राहत प्रदान की जाए।
उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पंजीकरण कार्य को सुचारू बनाने के लिए रोस्टर तैयार कर कैम्प के माध्यम से कार्य संपन्न कराने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक के दौरान जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश ने जानकारी दी कि UCC के अन्तर्गत अब तक कुल 6035 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 5176 विवाह पंजीकरण, तलाक और विवाह शून्यता से संबंधित 8 आवेदन शामिल हैं। वहीं, लिव इन रिलेशनशिप के लिए कुल 9 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 3 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए, 2 आवेदन ऑटो अपील में हैं और 4 आवेदन लंबित हैं।
इसके अतिरिक्त, वसीयतनाम एवं उत्तराधिकार पंजीकरण के लिए 75 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जबकि पहले से पंजीकृत विवाह की 776 स्वीकृतियाँ भी प्रदान की गई हैं। वर्तमान में 764 आवेदन लंबित हैं जिनकी समय सीमा अभी समाप्त नहीं हुई है, 528 आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत हुए हैं, 55 आवेदन ऑटो अपील में हैं और 220 आवेदनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने प्रदेश के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई समान नागरिक संहिता का उद्देश्य राज्य में एकता, समानता और समरसता को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कहा कि विवाह पंजीकरण, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप, वसीयतनाम और उत्तराधिकार से जुड़ी सेवाओं का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने नागरिकों से निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अपील करते हुए बताया कि संहिता लागू होने के 6 माह के भीतर पंजीकरण कराने पर मात्र 250 रुपये शुल्क देय होगा, जबकि 6 माह के पश्चात यह शुल्क 2500 रुपये हो जाएगा।
बैठक में नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद तिवारी, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अभिषेक चौहान सहित कई अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।