धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी मुफ़्ती को कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत..
युवक ने पिछले दिनों दर्ज कराया था मुकदमा, एडवोकेट सलमान अहमद खान ने की पैरवी, फिलहाल नहीं होगी गिरफ्तारी..
पंच👊नामा-ब्यूरो
हरिद्वार: लालच देकर उसके पति-पत्नी का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाने के आरोपी मुफ़्ती को कोर्ट से राहत मिल गई है।
इस मामले में रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गढ़ मीरपुर निवासी युवक ने आरोपी हकीम के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
एडवोकेट सलमान अहमद खान ने मुफ़्ती को अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट में पैरवी की। जिस पर कोर्ट ने आरोपी मुफ़्ती आदिल की अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली। फिलहाल पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायेगी।
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ये था पूरा मामला…..
ग्राम गढ़ मीरपुर निवासी कुंदन ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उसके पिता चरण सिंह और माता संगीता बीमारी के चलते विकासनगर देहरादून में हकीम के पास इलाज कराने के लिए जाते रहते थे। हकीम मुफ्ती आदिल पुत्र रिफाकत हाल निवासी पुलिस चौकी के बराबर विकासनगर, जोकि मुफ्ती यानि मुस्लिम धर्मगुरु भी है।
युवक का आरोप था कि हकीम ने माता-पिता को धन व जमीन का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराकर इन्हें मुसलमान (इस्लाम धर्म) बना दिया। युवक ने आरोप लगाया कि मौलाना पहले भी गरीब व अनपढ़ लोगों को धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता आ रहा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश डाली जा रही थी।
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आरोपी मुफ्ती आदिल की तरफ से सीनियर क्रिमिनल लॉयर सलमान अहमद खान ने पैरवी करते हुए कोर्ट में दलील दी कि पूरा मामला झूठा की बुनियाद पर रचा गया है। मुफ्ती आदिल के पास लालच देने के लिए धन या जमीन नहीं है। दवाखाने के पास ही पुलिस चौकी और उसकी दूसरी मंजिल पर एलआईयू का दफ्तर है।
ऐसी जगह पर किसी बालिग व्यक्ति को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना असंभव है। मुफ्ती आदिल के अधिवक्ता सलमान अहमद खान का यह भी कहना था कि धर्म परिवर्तन कराने के कोई सुबूत या दस्तावेज भी मौजूद नहीं है।
आरोप के अनुसार पूर्व में धर्म परिवर्तन कराने के भी कोई साक्ष्य नहीं है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश प्रशांत जोशी ने आरोपी मुफ्ती आदिल की अग्रिम जमानत स्वीकार करने के आदेश जारी कर दिए।