उत्तराखंड

नैनीताल पर्यटन पर संकट: चंद लोगों की खुराफात ने बिगाड़ा माहौल, 50 करोड़ का नुकसान..

सोशल मीडिया पर अब तक वायरल हो रहे हैं बवाल की वीडियो, पर्यटकों ने कैंसिल की जून तक की बुकिंग..

पंच👊नामा-ब्यूरो
नैनीताल: उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाला पर्यटन क्षेत्र इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रहा है। नैनीताल में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वीभत्स घटना के बाद उपजे जनाक्रोश ने विरोध, तोड़फोड़ और मारपीट का रूप ले लिया, जिससे पूरे क्षेत्र का पर्यटन कारोबार लगभग ठप हो गया है। अब हालात इतने चिंताजनक हो गए हैं कि जून माह की होटल बुकिंग भी लगातार रद्द हो रही हैं।
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50 करोड़ से अधिक का नुकसान…….नैनीताल, भीमताल और भवाली-कैंचीधाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बीते एक सप्ताह के भीतर लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक का व्यावसायिक नुकसान हुआ है। होटलों, टैक्सियों, रेस्टोरेंटों और अन्य सेवाओं से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारियों को इसका सीधा असर झेलना पड़ा है। पर्यटकों में भय का माहौल इस कदर व्याप्त है कि वे पहले से कराई गई बुकिंग भी रद्द कर रहे हैं।
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पुलिस की अपील: “नैनीताल पूरी तरह सुरक्षित…..घटना के बाद उपजे भय को दूर करने के लिए नैनीताल पुलिस ने दावा किया है कि शहर अब पूरी तरह शांत और सुरक्षित है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोषियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। साथ ही पर्यटकों से अपील की गई है कि वे निडर होकर नैनीताल आएं।
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कोतवाली में मारपीट, पुलिस की छवि पर सवाल….विरोध प्रदर्शन के दौरान न केवल शहर में तोड़फोड़ हुई, बल्कि कोतवाली में एक दरोगा से मारपीट की घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पूरी घटना राज्य की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा रही है।
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चंद लोगों की हरकत, पूरे शहर को नुकसान……स्थानीय व्यापारियों और होटल संगठनों का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों की करतूत ने नैनीताल जैसे शांत पर्यटन स्थल की छवि को धूमिल कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि इन उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर क्षेत्र में भरोसे का माहौल दोबारा बहाल करे।
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सरकार से मुआवजे और स्थायी सुरक्षा की मांग……पर्यटन से जुड़े संगठनों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें हुए राजस्व नुकसान की भरपाई और सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यदि समय रहते हालात नहीं सुधारे गए तो नैनीताल की आर्थिकी को लंबे समय तक इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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