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राशन कार्डों से “नेता-विधायकों” के नाम भी गायब, 40 हजार लोग बेहाल…..

: हरिद्वार जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग का कारनामा : विभाग की गलती भुगत रहे 40 हजार से ज़्यादा लोग

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राशन कार्डों से नेता-विधायकों के नाम भी गायब, 40 हजार लोग बेहाल…..

: हरिद्वार जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग का कारनामा
: विभाग की गलती भुगत रहे 40 हजार से ज़्यादा लोग
पंच 👊 नामा ब्यूरो
हरिद्वार: प्रदेश के सबसे बड़े जनपद हरिद्वार में खाद्य आपूर्ति विभाग के एक नए कारनामे से 40 हजार से ज्यादा लोग मुश्किल में आ गए हैं। जनपद में राशन कार्डों से करीब 40 हजार लोगों के नाम गायब हो गए हैं। इतना ही नहीं, राशन कार्डों से जिले के कई बड़े नेताओं और विधायकों तक के नाम गायब बताए जा रहे हैं। हैरत की बात यह है कि विभाग अपनी गलती का ठीकरा आम जनता के सिर पर फोड़ रहा है। परेशान जनता को राशन कार्डों में अपने नाम जुड़वाने के लिए अब लाइनों में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है।

सरकार एक तरफ तो दावा कर रही है कि गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। कोरोना काल में कुछ महीनों तक यह सहूलियत सरकारी राशन की दुकानों से उपलब्ध भी कराई गई। लेकिन अब मुफ्त या सस्ता राशन मिलना तो दूर, अचानक राशन कार्ड से नाम भी गायब हो गए हैं। ताज्जुब की बात है कि राशन कार्डों से पूरे जिले में 100 या 200 नहीं, बल्कि पूरे 40 हजार नाम गायब हो गए हैं। एक झटके में इतने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नाम राशन कार्ड से गायब होने के पीछे विभाग आम जनता को ही दोषी ठहरा रहा है।

विभाग का कहना है कि जिन लोगों ने अपने आधार कार्ड जमा नहीं कराए थे, उनके नाम कट गए हैं। विभाग का यह दावा जनता सिरे से नकार रही है। अधिकांश लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने आधार कार्ड से लेकर सभी दस्तावेज हाल ही में जमा कराए थे और राशन कार्ड ऑनलाइन भी कराया था। इसके बावजूद राशन कार्ड से नाम गायब हो गए हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि विभाग के सॉफ्टवेयर की कमी के कारण एक झटके में 40 हजार नाम गायब हो गए हैं और विभाग अपनी गलती को छुपाने के लिए आम जनता को कुसूरवार ठहरा रहा है। अब हालात यह है कि लोग अपने काम धंधे छोड़कर राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए पूर्ति विभाग व अन्य कार्यालयों में भटक रहे हैं। 40 हजार लोगों के नाम जुड़ने में महीनों का वक्त लग सकता है। ऐसे में गरीब व जरूरतमंद लोगों को मुफ्त और सस्ते राशन से भी हाथ धोना पड़ेगा। चुनावी सीजन में जब सरकार जनता कि सुविधा के लिए दोनों हाथों से घोषणाएं कर रही हैं, ऐसे समय में मूलभूत सुविधा का छिन जाना अच्छा संदेश नहीं है। वहीं, राशन कार्डों से नेताओं और विधायकों तक के नाम गायब होने से राजनीतिक हल्कों में सत्ताधारी पार्टी की खिल्ली भी उड़ रही है।

यह गड़बड़झाला कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद तक भी जा पहुंचा है। मंत्री ने अफसरों को फटकार लगाते हुए राशन कार्डों में जल्द से जल्द नाम जोड़ने और पूरी सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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