हरिद्वार

सैनी समाज की उपेक्षा बनेगा भाजपा की हार का कारण..

दोहरे हत्याकांड में मृतक आश्रित विधवाओं को नही मिला अभी तक मुआवजा: सैनी

पंच👊नामा
रुड़की: लोजमो संयोजक सुभाष सैनी ने कहा है कि हरिद्वार सीट पर सैनी समाज की घोर उपेक्षा का ही नतीजा था कि भाजपा को विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। यही रवैया अब भाजपा को आने वाले लोकसभा चुनाव में हरवायेगा। सैनी आज दोपहर गांधी वाटिका स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ लोजमो द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन में बोल रहे थे।मोर्चा संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि अप्रैल 2017 से अप्रैल 2018 तक तीन घटनाओं में सैनी समाज के एक महिला समेत छह लोगों की निर्मम हत्याएं कर दी गई थी। जिनमें सरकार के तत्कालीन प्रवक्ता मदन कौशिक व रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा मृतक आश्रित विधवाओं को ढ़ाई ढ़ाई लाख व तीन लाख रुपए सरकारी मुआवजे की घोषणा पीड़ितों के घरों पर जाकर की थी लेकिन आज छह वर्ष बीतने के बाद भी घोषित सरकारी मुआवजा पीड़ित विधवाओं को नहीं मिला।‌ आज शेरपुर निवासी दो सैनी चौकीदारों की विधवाओं ने अपने परिवार को साथ लेकर कौशिक व बत्रा के खिलाफ धरना दिया। उनकी मांग है कि कौशिक व बत्रा या तो घोषित सरकारी मुआवजा दें या फिर अपनी झूठी घोषणाएं प्रेस के माध्यम से ही वापस लें।वक्ताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजकुमार सैनी, कांग्रेस नेता आशीष सैनी, अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष अजय कुमार, कांग्रेस नेता कलीम खान, श्रवण गोस्वामी, युवा नेता विशाल शर्मा, कांग्रेस नेत्री रितू कंडियाल, आर्य समाज नेता हरपाल आर्य,पूर्व पार्षद संजय चौधरी,समाज सेवी लखपत सैनी, अनुभव गुप्ता, मनीष यादव, पूर्व सभासद मौ राशिद ने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने पीड़ित विधवाओं को मुआवजा नहीं दिया तो लोकसभा चुनाव में भाजपा विधायकों के काले कारनामों को उजागर किया जायेगा जिससे जनता, भाजपा को हराकर सबक सिखायेगी।‌इस मौके पर पीड़ित विधवाओं में पुष्पा सैनी,रमेशो सैनी व उनके परिवार से लखपत सैनी, युवराज सैनी,शुभम सैनी सहित शिक्षक राजपाल सिंह सैनी,युवा नेता शकील अहमद, जाकिर हुसैन,मौ शाहिद, कांग्रेस नेता सुशील कश्यप,अजय सैनी,हरीश भारद्वाज, सुभाष शर्मा, मास्टर कल्लू सिंह, आदेश सैनी, धर्मवीर सैनी, प्रवीण सैनी, मास्टर धर्मसिंह सैनी सहित अनेंक जिम्मेदार लोग मौजूद रहे। धरना प्रदर्शन का शुभारंभ महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया जबकि समापन पर सभी ने सरकार द्वारा मृतक आश्रित विधवाओं को मुआवजा न दिए जाने पर सरकार के जोरदार विरोध का संकल्प लिया।

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